परवेज मुशर्रफ (फाईल फोटो)
नई दिल्ली। बड़ा दिलचस्प व हैरानी भरा यह रिपोर्ट है, शुरूआत में तो हमलोग इस रिपोर्ट पर विश्वास नहीं कर रहे थे लेकिन बाद में जब राॅ से जुड़े महत्वपूर्ण सूत्रों से पता किया गया तब इस हैरानी पर विराम लगा। यह बात उन दिनों की है जब पाकिस्तान विरोधी आतंकियों ने पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ की हत्या की योजना बनाई थी तो भारतीय खुफिया ऐजेंसी रॉ ने पाकिस्तानी खुफिया ऐजेंसी को घटना के पूर्व यानि समय से अलर्ट कर दिया था,और पाक ऐजेंसी अलर्ट हो गई फिर जाल बिछाकर हमलावर आतंकियों को ISI ने ट्रैप करते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
परवेज मुशर्रफ (फाईल फोटो)
ऐसा नहीं है कि भारत और पाकिस्तान ने कभी आपसी तल्खी कम करने की कोशिश नहीं की। चाहे ताशकंद समझौता रहा हो या फिर शिमला समझौता। लाहौर वार्ता और आगरा समिट भी इसी कड़ी का हिस्सा थी। लेकिन अफसोस कि कभी भी दोस्ती का पौधा पनप नहीं सका। लेकिन कुछ वाकये ऐसे भी हैं, जहां दोनों देशों ने एक-दूसरे की मदद की। 2003 में भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग (रॉ) को यह खबर मिली थी कि कुछ पाकिस्तानी अलगाववादी संगठनों ने तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की हत्या की योजना बनाई है। इस घटना को 15 दिसंबर 2003 को अंजाम दिया जाना था। रॉ ने इस खुफिया जानकारी का इनपुट पाकिस्तान के साथ साझा किया।
परवेज मुशर्रफ (फाईल फोटो)
पाकिस्तानी खुफिया ऐजेंसी इससे सतर्क हो गई, लेकिन उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया जिससे हमला न हो, बल्कि उसने हमला होने दिया ताकि साजिशकर्ताओं को रंगेहाथ पकड़ा जा सके। दूसरी तरफ यह तैयारी भी रखी जिससे मुशर्रफ को कुछ न हो सके। भारत के इस खुफिया इनपुट की वजह से ही मुशर्रफ की जान बची थी और इसकी वजह से दोनों देशों के बीच के रिश्ते कुछ बेहतर होते दिखने लगे थे।
परवेज मुशर्रफ (फाईल फोटो)
बताया जाता है कि जिस समय मुशर्रफ पर हमले की योजना बनी थी उस समय सीडी रॉय रॉ के चीफ थे। वहीं पाकिस्तान के आईएसआई के मुखिया का पद जनरल एहसान उल हक के पास था। लेकिन 2008 तक यह सूचना आदान प्रदान सिस्टम ध्वस्त हो गया शायद 26/11 का हमला इसका प्रमुख कारण हो सकता है।
इसके बाद मार्च 2016 में एक बार फिर दोनों देशों के बीच खुफिया सूचनाओं के आदान प्रदान की कोशिश की गई। इस बार यह काम किया था पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रिटायर्ड लेफ्टिनेंट नसीर खान जंजुआ ने। उन्होंने भारतीय एनएसए अजीत डोवाल से एक खुफिया जानकारी शेयर की, जिसमें बताया गया था कि शिवरात्रि उत्सव के दौरान गुजरात में पाकिस्तानी आतंकवादी हमला करने की योजना बना रहे हैं। जंजुआ ने डोवाल को यह भी बताया कि इस साजिश के पीछे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। साथ ही यह भी बताया कि दोनों संगठनों के दस आत्मघाती हमलावर गुजरात में घुस चुके हैं और उनकी साजिश मुंबई जैसा हमला करने की है। जिसके बाद भारतीय ऐजेंसियां समय से सतर्क हो गई और देश को एक बड़े आतंकी हमले से बचा लिया गया।
उल्लेखनीय है कि LOC कारगिल युद्ध के मास्टर माइंड तत्कालीन पाक आर्मी चीफ परवेज मुशर्रफ हीं थे,और इन्ही के लीडरशिप में पाक घुसपैठियों ने भारतीय सेना के हजारों जवानों का कत्ल किया था फिर भी इनको बचाया गया ?…