एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

दूसरे देशों में छिपे हुए अफगानी वायुसेना के पायलटों की तकलीफों को नही सुन रहा है कोई, सीक्रेट आॅपरेशन का सुझाव, ऐसे योग्य पायलटों को संबंधित देश अपनी वायुसेना करें शामिल – चंद्रकांत मिश्र/अमरनाथ यादव


अफगानिस्तान के फाइटेर जेट (फाईल फोटो)

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में जब तालिबान ने कब्जा किया, तो अफगान वायु सेना के दर्जनों युवा पायलट देश से अपने विमानों को उड़ाकर पड़ोसी ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान पहुंचे।

जहां उन 143 पायलटों को ताजिकिस्तान के अधिकारियों ने बंधक बना लिया है। इनके अलावा अफगानी वायुसेना के हजारों पायलट और विमान चालक दल के सदस्य तालिबान के डर से अफगानिस्तान में हीं छिपे हुए हैं।

इन पायलटों ने एक गुप्त रूप से बातचीत में कहा है कि अमेरिका ने हमारे बारे में कुछ नहीं सोचा, लेकिन हमारे पूर्व सैन्य सलाहकारों ने हमारी खूब मदद की और यह अब भी जारी है।

अफगानी फाइटेर पाइलटों के बारे में सीक्रेट आॅपरेशन का यही सुझाव है कि एक पायलट को तैयार करने में बहुत खर्च होता है और आज इन पायलटों की यह हालत हो गई है कि अपनी जीविका चलाने और सुरक्षित रहने के लिए ये किसी भी देश में कुछ भी छोटा मोटा काम करने के लिए तैयार है, ऐसे में चाहिए कि वे तमाम देश सामने आकर इन पायलटों का रेशकयू करें और इन्हें इनकी योग्यता के अनुसार अपने एअरफोर्स में ज्वाइन कराकर इन्हें एक सम्मानित जीवन जीने का मौका दे।

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