टोक्यो। रूस-यूक्रेन जंग के बीच चीन और उत्तर कोरिया की तरफ से बढ़ते खतरे को देखते हुए जापान अब फिर से अपनी सैन्य क्षमता को मजबूत करने जा रहा है। क्योंकि, जापान की सरकार ने शुक्रवार (16 दिसंबर) को 35 हजार करोड़ डॉलर के हथियार खरीदने का ऐलान किया है।
दरअसल,जापान के प्रधानमंत्री ने देश के लिए द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पहली बार सेना निर्माण की घोषणा की है। जापान ने एक नई राष्ट्रीय सुरक्षा योजना के तहत दोगुना से भी ज्यादा रक्षा बजट का ऐलान किया। जापान ने साफ कहा कि उसका फोकस चीन पर रहने वाला है।
बता दे कि जापान का द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का संविधान आधिकारिक तौर पर सेना को मान्यता नहीं देता है। संविधान में सेना को नाममात्र की शक्तियां दी गई हैं। इन्हें सिर्फ आत्मरक्षा की क्षमताओं से ली लैस करने की बात की गई है। ऐसे में जापान का यह कदम उनके संविधान में बड़े बदलाव की ओर भी इशारा करता है। अपनी पंचवर्षीय योजना और संशोधित राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में जापानी सरकार ने कहा कि वह स्पेयर पार्ट्स और अन्य गोला-बारूद का स्टॉक रखेगी।
गौरतलब है कि चीन और उत्तर कोरिया की ओर से लगातार जापान के लिए खतरा बढ़ा हुआ है, क्योंकि,हाल ही में चीन, रूस और उत्तर कोरिया की ओर से जापान के खिलाफ बेहद आक्रामक कार्यवाहीयों को अंजाम दिया गया है जिनमें जापानी समुंदर में रूस-चीन के बेहद खतरनाक परमाणु बांबर जेट के साथ ज्वाइंट एअर पेट्रोलिंग करने के साथ हीं उत्तर कोरिया की ओर से लगातार कई घातक मिसाइलों को दागना। इसीलिए अब जापान अपनी सैन्य तैयारियों में जुट गया है।