सांकेतिक तस्वीर।
कीव/मॉस्को। रूस-यूक्रेन के बीच जारी भीषण लड़ाई के दौरान बेहद डरावनी रिपोर्ट सामने आ रही है। जिसमें बताया जा रहा है कि रूस ने यूक्रेन में अपने खूंखार सैनिकों को तैनात किया है। ये सैनिक ट्रॉफी के रूप में दुश्मनों के कान काटकर इकट्ठा करते हैं और इस खूंखार ग्रुप का नाम “रसिच” बताया गया है।
रिपोर्ट्स के हवाले से कहा जा रहा है कि इस बेहद खतरनाक ग्रुप को यूक्रेन के खार्किव के पास के इलाकों में देखा गया है,जहां आने वाले दिनों में पुतिन की सेना हमला कर सकती है। वहीं यूक्रेन के रक्षा अधिकारियों का भी मानना है कि रूसी फौज अब एक नए सिरे से हमला करने का प्लान कर रही हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार “रसिच” ग्रुप की स्थापना वर्ष 2014 में सेंट पीटर्सबर्ग से अलेक्सी मिलचकोव और यान पेत्रोव्स्की ने की थी। मिलचकोव ने एक पैराट्रूपर के तौर पर रूसी सेना में ट्रेनिंग हासिल की थी। जहां पहली बार रसिच ग्रुप के खतरनाक लड़ाकें सामने तब आये जब इन्हें वर्ष 2014 में रूसी विद्रोहियों और यूक्रेनी सेना के बीच जंग के दौरान पूर्वी यूक्रेन में तैनात किया गया था। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि रसिच का सरदार मिलचकोव नाजी समर्थक है और इस ग्रुप में करीब 100 लड़ाके हैं।
वहीं एक अन्य रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि यह रसिच ग्रुप क्रेमलिन समर्थित वैगनर ग्रुप से संबंधित है,जो कि हाल ही में यूक्रेन के कई हिस्सों में देखा जा चुका है। “वैगनर” ग्रुप पर भी रूस के लिए काम करने का आरोप लगता रहा है। इस ग्रुप को रूस की निजी सैन्य कंपनी के तौर पर भी जाना जाता है। लीबिया,सीरिया,मोजाम्बिक, माली,सूडान और मध्य अफ्रीका के देशों में यह ग्रुप सिविल वॉर का में हिस्सा ले चुका है।
गौरतलब है कि वैगनर ग्रुप का सरगना दिमित्री उत्किन है,जो कि पहले रूसी सेना में लेफ्टिनेंट रह चुका है और रूसी खुफिया एजेंसी में भी काम कर चुका है। कहा जाता है कि इसी ने ही वर्ष 2014 में इस संगठन को बनाया था। दिमित्री उत्किन रूसी सेना की तरफ से चेचेन युद्ध (1994-96 और 1999-2009) में शामिल रहा था। इसके अलावा उसने वैगनर समूह बनाने से पहले रूसी सेना में रहते हुए ही 2014 में यूक्रेन में सैन्य अभियान में हिस्सा लिया था।
फिलहाल,रसिच और वैगनर ग्रुप ने यूक्रेन की सेना की धड़कने बढ़ा दी है जबकि यूक्रेन पहले से ही घातक “चेचन” ग्रुप का सामना कर रहा है।