सांकेतिक तस्वीर।
नई दिल्ली। लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट के मुख्य आरोपी एसएफजे का सदस्य जसविंदर सिंह मुल्तानी को जर्मन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि इस पूरे ऑपरेशन में 72 घंटे लग गये,लेकिन सफलता मिल गई, हालांकि इस आॅपरेशन में भारत के डिप्लोमैट टीम अत्यधिक सक्रिय रही है। कहा जा रहा है कि भारत के अत्यधिक दबाव के चलते ही यह बड़ी कामयाबी हासिल हुई है।
सूत्रों का कहना है कि नई दिल्ली स्थित जर्मनी के दूतावास को इस आॅपरेशन को अंजाम देने के लिए पर्याप्त इंटल इनपुट उपलब्ध कराया गया था,जहां जर्मनी को भारत के तरफ से भरोसे में लिया गया,इस दौरान भारत के विदेश मंत्रालय के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों ने कई घंटों तक जर्मन अधिकारियों के साथ बैठक की तथा संबधित आरोपी के संबंध में एक-एक चीज ब्रिफ कर उन्हें समझाया गया,बताया जा रहा है कि क्रिसमस की छुट्टी होने के बावजूद भी जर्मन अधिकारियों के साथ सीक्रेट मीटिंग जारी रही, और परिणाम भारत के पक्ष में आया। फिलहाल आरोपी इस समय जर्मन पुलिस के हिरासत में है और उससे कड़ी पूछताछ जारी है।
कहा जा रहा है कि जर्मनी में मुल्तानी की गिरफ्तारी भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह गिरफ्तारी यूके और कनाडा जैसे देशों को पाकिस्तानी मदद पर फल-फूल रहे सिख अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर करेगी। भारत के रणनीतिक साझेदार होने के बावजूद, यूके और कनाडा की निष्क्रियता ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को आश्वस्त कर दिया है कि बड़ी सिख आबादी वाले ये देश मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
बताते चले कि आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी हाल ही में भारतीय ऐजेंसियों के रडार पर तब आया जब उसने अपने पाकिस्तान स्थित गुर्गों और हथियार तस्करों की मदद से भारत में विस्फोटक, हथगोले और पिस्तौल से युक्त हथियारों की खेप भेजा,वह तस्करी के जरिए लाई गई हथियारों की खेप से पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की बड़ी योजना पर काम कर रहा था।
उल्लेखनीय हैं कि 7 फरवरी, 2021 को, पंजाब पुलिस ने तरनतारन, अमृतसर और फिरोजपुर जिलों के रहने वाले चार स्थानीय कट्टरपंथी समूहों के सदस्यों को गिरफ्तार किया। इसके बाद, पंजाब पुलिस ने एक और कट्टरपंथी अपराधी, मनसा के जीवन सिंह को गिरफ्तार किया, जिसे मुल्तानी ने सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी हमलों को अंजाम देने के लिए उकसाया था। इसे प्रमुख किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, बीकेयू-राजेवाल के अध्यक्ष को निशाना बनाने के लिए कहा गया था। मुल्तानी ने जीवन सिंह को इन नेताओं पर हमले के लिए हथियार खरीदने के पैसे भी भेजे थे। जसविंदर सिंह मुल्तानी के खिलाफ एसएएस नगर और अमृतसर में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं।