इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

सीक्रेट ऑपरेशन का बड़ा दावा, PM मोदी की सुरक्षा में हुई भारी चूंक में राज्य पुलिस के अलावा केंद्रीय ऐजेंसी “इंटेलीजेंस ब्यूरों” भी है जिम्मेदार – चंद्रकांत मिश्र (एडिटर इन चीफ)


फ्लाई ओवर ब्रिज पर जाम में PM का रूका हुआ सुरक्षा काफिला।

चंडीगढ़/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब बीते बुधवार को दौरे के दौरान सुरक्षा में हुई चूंक में अब केंद्रीय गृह मंत्रालय फ्रंट पर आ गया है,और पूरे एक्शन मोड में भी है। जहां इस दौरान इस घटना से संबंधित तमाम विडियो भी अब तक सामने आ चुके हैं जिसमें साफ तौर पर यह साबित हो रहा है कि इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने में पंजाब पुलिस की लापरवाही ही नहीं बल्कि जान बूझकर घटना को अंजाम देने में राज्य पुलिस की ओर से सहयोग भी दिया गया है,जबकि नियमानुसार इस तरह के मामलों में जब भी कोई इस तरह की घटना की संभावना होती है तो पहले से ही “ब्लू बुक” के सिद्धांतों का पालन किया जाता है,यहां राज्य पुलिस इस नियम को भी नजरअंदाज करते दिखी। वहीं सीक्रेट ऑपरेशन न्यूज पोर्टल समूह की पड़ताल में केंद्रीय खुफिया ऐजेंसी की भी इस प्रकरण में घोर लापरवाही दिखी।

सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि जब भी ऐसी परिस्थितियां पैदा हो जाए तो तत्काल संबधित राज्य की पुलिस को ब्लू बुक के नियमों को फाॅलों करना चाहिए। जैसा कि पंजाब में देखने को मिला,यानि इस तरह की घटनाओं में समय से पहले एक आकस्मिक रूट की तैयारी पहले से कर के रखनी होती है। इस दौरान यह भी कहा जा रहा है कि केंद्रीय खुफिया ऐजेंसी यानि इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी लगातार पंजाब पुलिस के संपर्क में थे और उन्हें प्रदर्शनकारियों के इस हरकत के बारे में जानकारी भी पहले से दी थी लेकिन पंजाब पुलिस की तरफ से उन्हें पूरी सुरक्षा देने का आश्वसान दिया गया था।

लेकिन इंटेलीजेंस ब्यूरों के उपर यहां सवाल इसलिए खड़ा होता है कि जब IB को इस तरह की घटना के बारे में समय से सूचना मिल गई थी तो राज्य पुलिस की मानसिकता को जानने एवं उनका इरादा समझने में क्यों चूंक हुई ? यानि इंटेलीजेंस ब्यूरों खुद को जस्टीफाई करते हुए यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि वो राज्य पुलिस के संपर्क में लगातार थी तो राज्य पुलिस के लापरवाही का आंकलन IB क्यों नहीं कर सकी ? जबकि इस घटना में पंजाब पुलिस एक तरह से इन उपद्रवियों का सहयोग ही करती दिख रही थी,जैसा कि कई विडियो में देखने को मिला है।

जबकि केंद्रीय ऐजेंसी को समझना चाहिए था साल 2021 में पंजाब के अंदर पाकिस्तान से आने वाले करीब 150 ड्रोन देखे गए,कई ऐसे भी रहे जिन्हें देखा ही नहीं गया। इनमें से कई ड्रोन टिफिन बम, हथगोले, पिस्तौल और कैश से भरे थे। इसी कड़ी में पंजाब में बीते दिनों और बीते महिनों में कई आतंकी गतिविधियां भी देखने को मिल चुकी थी,जिसमें अभी हाल ही में एक न्यायालय में बम विस्फोट की घटना भी शामिल हैं,मतलब इतना संवेदनशील राज्य जो कि दुश्मन के टारगेट पर लगातार है फिर भी भावी घटनाओं का आंकलन करने में इंटेलीजेंस ऐजेंसी की तरफ से भारी चूंक के साथ घोर लापरवाही भी की गई है जो कि साबित करता है कि इस घटित घटना में जितना जिम्मेदार राज्य पुलिस है उतना ही जिम्मेदार केंद्रीय खुफिया ऐजेंसी भी है।
हालांकि,अब केंद्रीय गृह मंत्रालय इस पूरे घटनाक्रम की समीक्षा करने में जुट गया है,जो कि माना जा रहा है कि आने वाले समय में संबधित अधिकारियों एवं संबंधित कर्मचारियों की भी जवाबदेही तय होगी।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार पंजाब के फिरोजपुर में कई विकास परियोजनाओं की अधारशीला रखनी थी। इन परियोजनाओं की कीमत करीब 42 हजार 750 करोड़ रुपये के आसपास थी। गृह मंत्रालय ने बताया कि पीएम मोदी बुधवार सुबह बठिंडा पहुंचे, जहां से उन्हें हेलीकॉप्टर में हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था। हालांकि,बारिश की वजह से पीएम मोदी ने सड़क से जाने का फैसला लिया और मेमोरियल से करीब 30 किलोमीट दूर जब पीएम मोदी का काफिला फ्लाईओवर पर पहुंचा तो पता लगा कि वहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक रखा है। पीएम मोदी फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक फंसे रहे। इस दौरान सड़क पर जाम लगाने वाली भीड़ के कुछ सदस्य पी एम के काफिले तक पहुंचने में सफल रहे जिसे सुरक्षा में भारी चूंक माना जा रहा है।

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