तालिबानी आतंकी (फाईल फोटो)
काबुल। एक मीडिया इंटरव्यू में अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने बताया कि अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी को अफगानिस्तान से भागने के बाद उन्होंनें ही तालिबान को काबुल शहर में घुसने के लिए निमंत्रण दिया था।
बातचीत के दौरान करजई ने आगे यह भी कहा कि उन्होंने तालिबान को काबुल में आने का न्यौता सिर्फ लोगों की रक्षा के खातिर दिया था। चूंकि उन्हें डर था कि अफगानिस्तान में चारों तरफ अराजकता न फैल जाये। इसी कड़ी में आगे उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति गनी के साथ उनके सुरक्षा अधिकारी भी देश छोड़कर जा चुके हैं।
हामिद करजई ने अफगानिस्तान के तत्कालीन रक्षा मंत्री बिस्मिल्ला खान से भी संपर्क किया और उनसे पूछा भी क्या अफगान सरकार का कोई अवशेष अब भी बचा हुआ है ? तब बिस्मिल्ला खान ने उनसे सवाल किया कि क्या वह भी काबुल छोड़ना चाहते हैं ? लेकिन तेरह वर्षों तक देश के राष्ट्रपति रहे करजई ने काबुल छोड़ने से साफ इनकार कर दिया था। बाद में करजई को जानकारी हुई कि काबुल के पुलिस प्रमुख समेत सभी लोग देश छोड़ चुके हैं।
करजई और अब्दुल्ला ने गनी के साथ बैठक की तथा उनके बीच इस बात पर सहमति बनी कि सत्ता साझेदारी समझौते पर बातचीत के लिए 15 अन्य की सूची के साथ अगले दिन वे दोहा रवाना होंगे। करजई ने बताया कि तालिबान तब तक काबुल के बाहरी हिस्से में पहुंच चुके थे लेकिन कतर में उसके नेतृत्व ने वादा किया कि जबतक समझौता हो नहीं जाता तबतक वे बाहर ही रहेंगे।
करजई ने कहा कि 15 अगस्त तड़के उन्होंने सूची तैयार करने का इंतजार किया। लेकिन शहर में बेचैनी थी और नाजुक घड़ी थी। तालिबान के काबिज हो जाने की अफवाहें फैलने लगीं । करजई ने दोहा से संपर्क किया, उन्हें बताया गया कि तालिबान शहर में दाखिल नहीं होंगे।
इस दौरान करजई ने यह भी कहा कि मैंने एवं अन्य ने विभिन्न अधिकारियों से बात की तथा हमें आश्वासन दिया गया कि हां, यही बात है और यह कि अमेरिकी एवं सरकारी (सैन्य) बल अपनी जगह पर डटे हैं तथा काबुल फतह नहीं होगा। लेकिन दोपहर पौने तीन बजे यह करीब करीब स्पष्ट हो गया कि गनी शहर से जा चुके हैं। करजई ने रक्षा मंत्री, गृहमंत्री से संपर्क किया, उन्होंने काबुल के पुलिस प्रमुख के बारे में पता किया। पता चला कि सारे जा चुके हैं।
अशरफ गनी के सुरक्षा इकाई के उपप्रमुख ने करजई से संपर्क कर उन्हें महल में आने एवं राष्ट्रपति का पद संभालने को कहा। लेकिन उन्होंने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया, उसके विपरीत पूर्व राष्ट्रपति ने चीजें सार्वजनिक करने का फैसला किया एवं टेलीविजन पर संदेश प्रसारित किया, ताकि अफगान लोग जान पायें कि हम सभी यहां हैं। इस दौरान उनके बच्चे भी उनके साथ थे।
करजई इस बात पर कायम हैं कि यदि गनी काबुल में बने रहते तो शांतिपूर्ण सत्ता परिवर्तन का समझौता होता। वह यहां अपनी पत्नी एवं बच्चों के साथ रहते हैं।उन्होंने कहा कि बिल्कुल, इसी बात की हम तैयारी कर रहे थे, हम उस शाम या अगली सुबह शांति परिषद के अध्यक्ष के साथ दोहा जाने एवं समझौते को अंतिम रूप देने की की उम्मीद कर रहे थे।
उन्हेांने कहा कि मुझे विश्वास है कि तालिबान नेता उसी, उद्देश्य के लिए दोहा में हमारा इंतजार कर रहे थे। आज करजई नियमित रूपसे तालिबान नेतृत्व से मिलते हैं और कहते हैं कि दुनिया उसके साथ सहयोग करे।