नई दिल्ली। अफ्रीका के हैती में एक अज्ञात बंदूकधारी गिरोह ने 17 अमेरिकी ईसाई मिशनरियों को अपहरण कर लिया है। बताया जा रहा है यह वारदात तब हुई,जब सभी मिशनरी राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस के एक अनाथालय से बाहर थे। ये लोग अपने ग्रुप के कुछ सदस्यों को छोड़ने के लिए बस से एयरपोर्ट की तरफ जा रहे थे,कहा जा रहा है कि मिशनरियों के बच्चे भी अपहरण किये गये हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता जेनिफर वियाउ ने कहा कि हम इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं,वहीं,हैती में अमेरिकी दूतावास की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं आया है। हैती की पुलिस ने कहा कि वह इस घटना पर और भी सूचना अधिक जुटा रहे है।
वहीं, एक अन्य जानकारी के मुताबिक अमेरिका स्थित ईसाई सहायता मंत्रालयों ने विभिन्न धार्मिक मिशनों को एक मैसेज भेजा है, जिसमें बताया गया है कि अपहरण किए गए लोग हैती में एक अनाथालय का निर्माण कर रहे थे।
कहा जा रहा है कि हैती में हाल के दिनों में हिंसा काफी बढ़ी है और यहां की आर्थिक हालत भी पहले से ज्यादा खस्ता हो गई है।
बताते चले कि हैती की गिनती अफ्रीका के सबसे गरीब देशों में होती है। हाल के दिनों में यहां गैंगवार की घटनाएं बड़ी हैं। इससे हजारों लोगों को बेघर होना पड़ा है। देश की आर्थिक हालत और भी ज्यादा खस्ता हो गई है। जुलाई में हैती के राष्ट्रपति जोवेनेल मोइस की हत्या कर दी गई। जिस वजह से यहां हिंसा में तेजी आई है।
उल्लेखनीय है कि जोवेनेल मोइस की हत्या की साजिश 28 लोगों ने मिलकर की थी। इनमें हैती मूल के 2 अमेरिकी और 26 कोलंबियाई नागरिक शामिल थे। इनमें से तीन कोलंबियाई संदिग्धों को पुलिस ने ढेर कर दिया। सुबह करीब 5 बजे राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस स्थित राष्ट्रपति भवन में भारी हथियारों से लैस हमलावर घुसे थे। उन्होंने 53 साल के राष्ट्रपति मोसे और उनकी पत्नी मार्टिना मोसे पर अंधाधुंध गोलियां दाग दीं। प्रेसिडेंट के शरीर पर 12 गोलियां लगीं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं थी।