CIA चीफ गुरुवार को जब पाकिस्तान पहुंचे तो पाकिस्तानी आर्मी के मीडिया विंग ने खुद बयान जारी करके इस दौरे को सार्वजनिक किया फिर इसी क्रम में आगे कहा गया कि अमेरिकी खुफिया ऐजेंसी के चीफ ने पाक आर्मी चीफ बाजवा और पाक खुफिया ऐजेंसी चीफ हमीद से अफगानिस्तान में अमन बहाली और नई सरकार को लेकर बातचीत की। इस दौरान पाकिस्तान की सकारात्मक भूमिका को सराहा गया।
तालिबानी नेता मुल्ला बारादर से भी CIA चीफ कर चुके हैं गुप्त मीटिंग
पाकिस्तान के अखबार ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के मुताबिक,CIA डायरेक्टर कुछ दिन पहले अचानक काबुल पहुंचे थे और उन्होंने वहां तालिबान के नंबर दो नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से सीक्रेट मीटिंग की थी। तालिबान के अफगानिस्तान की हुकूमत पर कब्जे के बाद किसी टॉप अमेरिकी अफसर की काबुल की यह पहली यात्रा थी।
CIA चीफ सिर्फ आर्मी अफसर या खुफिया ऐजेंसियों के अधिकारियों से हीं मिले-
गौर करने वाली बात है कि दो महीने से यह देखा जा रहा है कि अमेरिकी एडमिनिस्ट्रेशन और इंटेलिजेंस अफसर पाकिस्तान की सेना और आईएसआई से ही संपर्क कर रहे हैं। पिछले दिनों डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन और सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एंटनी ब्लिंकन ने भी बाजवा और हमीद से ही फोन पर बातचीत की थी। पाकिस्तान के एनएसए को भी इसमें शामिल नहीं किया गया था। अमेरिका इमरान खान सरकार के किसी मंत्री से भी बातचीत नहीं कर रहा। इसकी बड़ी वजह यह है कि पाकिस्तान में फौज और आईएसआई ही पर्दे के पीछे से सरकार चलाते हैं। जो बाइडेन दुनिया के ज्यादातर बड़े नेताओं से फोन पर बातचीत कर चुके हैं, लेकिन इमरान खान को उन्होंने अब तक फोन नहीं किया।