चीनी सैनिक (फाईल फोटो)
वाशिंगटन। अमेरिका की खुफिया ऐजेंसी के लिए अब भी चीन एक अभेद्य किला बना हुआ है जिसे आजतक अमेरिकी ऐजेंसी CIA भेद नहीं सकी है,यहीं वजह रहा जिस कारण CIA द्वारा चीन के खिलाफ आपरेट किये गये कई सीक्रेट आॅपरेशन बीच में ही फेल हो गया। जबकि चीनी जासूस हर ढंग से अमेरिका में घुसपैठ करने में सफल रहे और अमेरिका के खिलाफ कई मिशन को अंजाम दे चुके हैं।
अमेरिका के पूर्व NSA जॉन बोल्टन के हवाले से इस संदर्भ में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके मुताबिक चीन में अमेरिकी जासूस सिर्फ साइबर और एआई पर ही निर्भर हैं,और ग्राउंड इंटेलीजेंस के मामले में CIA का हाथ लगभग खाली ही रहता है।
ग्राउंड इंटेलीजेंस में कमजोर होने के कारण CIA देखती रह गयी और चीन हॉन्गकॉन्ग पर हावी हो गया।
इसी कड़ी में अमेरिकी ऐजेंसी की एक और बड़ी असफलता की रिपोर्ट सामने आई अमेरिका के लाख चाहने के बाद भी चीन ने दक्षिण सागर में अपनी सैन्य शक्ति को कई गुना लिया है।
कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बारे में भी ऐजेंसी के हाथ खाली रहे,और तो और अमेरिका में अंडरकट चीन कंपनियों पर भी रोक नहीं लग सकी जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है जबकि वहीं चीन आर्थिक रूप से दिन ब दिन मजबूत होता जा रहा।
चीन के हैकरों ने भी अमेरिका में लगातार साइबर हमला जारी रखा हुआ हैं। जिस वजह से अमेरिका और उसके सहयोगी देश इन हमलों का लगातार शिकार बन रहे हैं। और इन चीनी हैकरों पर प्रभावी रोक नहींं लग पा रही है।
चीन में अमेरिकी ऐजेंसी के फेल होने का एक और कारण सामने आया है, अमेरिकी जासूस चीनी भाषा पर अपनी पकड़ नहीं बना पा रहे हैं। ऐसे में अमेरिकी जासूसों का दायरा सीमित हो जाता है।
इसी क्रम में एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक चीन में 2017 में काउंटर इंटेलिजेंस अभियान के दौरान कई अमेरिकी जासूसों का सफाया किया गया। चीनी सरकार ने कई जासूसों को मौत की सजा दी, तो कइयों को गायब करा दिया। कई अमेरिकी जासूस चीन की विभिन्न जेलों में सजा काट रहे हैं। राष्ट्रपति जिनपिंग ने अमेरिकी जासूसों पर कड़ाई के आदेश दिए हैं।