इजरायल विरोधी रिपोर्ट को फाड़ते हुए एर्दन
नई दिल्ली। इजरायल के राजदूत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की वार्षिक रिपोर्ट को बेहद तलख़ी भरें अंदाज में यह कहते हुए फाड़ दिया कि यह रिपोर्ट सिर्फ पूर्वाग्रह युक्त है और इस रिपोर्ट की सही जगह कूड़ेदान है और इसका कोई उपयोग नहीं है। उन्होंने इसके पीछे दलील दी कि यह रिपोर्ट इजरायल के खिलाफ है और पक्षपाती है।
काफी तलख़ी भरें अंदाज में एर्दन
इजरायल इस रिपोर्ट पर इसलिए खफां है क्योंकि इसमें यह कहा गया है कि गाजा पर इजरायल के हमले के दौरान 67 बच्चों,40 महिलाओं और 16 बुजुर्गों सहित कुल 260 फिलिस्तीनियों की मौत हुई थी। यूएनएचआरसी की इस रिपोर्ट में गाजा पर हमलों के लिए इजरायल की निंदा और आलोचना की गई थी,इसी वजह से इजरायल UNHRC की रिपोर्ट पर भढ़का हुआ है।
इजरायल के राजदूत एर्दन (फाईल फोटो)
बताते चले कि शुक्रवार को महासभा में विशेष सुनवाई के दौरान मानवाधिकार परिषद के अध्यक्ष ने सभी सदस्य देशों को जांच कमेटी की वार्षिक रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में हमास के साथ मई में इजरायल के संघर्ष के बाद स्थापित एक जांच समिति के परिणाम हैं। रिपोर्ट में इजरायल की निंदा और आलोचना किया गया है,लेकिन इजरायली नागरिकों पर हमास द्वारा किये गये हमलों की रिपोर्ट को उल्लिखित नही किया गया है,इस दौरान इस संघर्ष में हमास के तरफ से इजरायल पर हजारों राकेट दागे गये इसका भी जिक्र नहीं है इस रिपोर्ट में।
इजरायल के फाइटेर एअरक्राफ्ट (फाईल फोटो)
इजराइली राजदूत एर्दन ने महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि 15 साल पहले अपनी स्थापना के बाद से ही मानवाधिकार परिषद ने दुनिया के अन्य सभी देशों के खिलाफ 142 की तुलना में 95 बार इजरायल की निंदा की है। उन्होंने आगे कहा कि मानवाधिकार परिषद पूर्वाग्रहों से भरा हुआ है और उसने एक बार फिर से इस रिपोर्ट के माध्यम से साबित किया है।
गाजा पर हमलें के दौरान (फाईल फोटो)
काफी तलख़ी भरे अंदाज में इस रिपोर्ट को फाड़कर और पोडियम पर छोड़कर जाने से पहले उन्होंने कहा कि इसका एक मात्र जगह कूड़ेदान ही है। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने आज संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। और मानवाधिकार परिषद की वार्षिक रिपोर्ट के निराधार,एकतरफा और एकमुश्त झूठे आरोपों के खिलाफ आवाज उठाई। इस साल मानवाधिकार परिषद ने एक बार फिर हम सभी को नीचा दिखाया है। इसने दुनिया भर में ऐसे लोगों को निराश किया है जो मानवाधिकारों के हनन को हर दिन, हर घंटे, हर मिनट सहते हैं लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनी जाती है।
उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि दुनियाभर के उत्पीड़ितों की आवाजें नहीं सुनी जा रही हैं, क्योंकि मानवाधिकार परिषद अपना समय, अपने बजट और अपने संसाधनों को बर्बाद करने पर जोर दे रही है। मेरे देश और यहां की हर तरह की स्वतंत्रता को टारगेट कर रही है।
गाजा पर हमलें के दौरान (फाईल फोटो)
गौरतलब है कि इस साल मई महिने में फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के उकसावे की कार्यवाही के दौरान इजरायल ने हमास के ठिकाने पर कर दिया था, इस दौरान हमास के तरफ से भी इजरायल के उपर जबरदस्त हमला किया गया था, इस हमले में हमास ने इजरायल पर हजारों राकेट दागे थे जो कि इजरायल के आयरन डोम के वजह से ये घातक राकेट रास्ते में ही नष्ट हो गये,यह संघर्ष बहुत भयानक रहा, बाद में कई देशों के हस्तक्षेप के कारण इजरायल ने सीज फायर का ऐलान किया,फिर UNHRC ने इस संघर्ष के संबंध में एक कमेटी गठित किया जिसमें हमास पर हमले के दौरान मारे गए बच्चो,महिलाओं व बुजुर्ग की एक सूची जारी की गई और इजरायल की निंदा व आलोचना भी की गई।