इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

एक रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा,बीते तीन साल में देश भर में कुल 1034 आतंकी हमले हुए, इस दौरान 177 जवान हुए शहीद, आखिर सीमापार सैन्य कार्यवाही करने से क्यों बचती है सरकारें ?


फाईल फोटो

नई दिल्ली। आतंकवाद से जुड़े मुद्दे पर एक लिखित सवाल के जवाब में खुलासा हुआ है कि देश भर में पिछले तीन साल में कुल 1034 आतंकवादी हमले हुए हैं और इन हमलों में कुल 177 सैन्य कर्मी शहीद हुए हैं,और इनमें से 1033 आतंकी हमले अकेले जम्मू-कश्मीर में हुए हैं जबकि इस दौरान एक हमला दिल्ली में भी हुआ है। बताते चले कि राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने देश में आतंकी हमले से संबंधित एक लिखित सवाल के जरिये देश के रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट से पूछा था तो उन्होंने यह जानकारी दी है।

अजय भट्ट द्वारा बताया गया कि,वर्ष 2019 में देश भर में कुल 594 आतंकवादी हमले हुए और यह सभी जम्मू-कश्मीर में हुए। वर्ष 2020 के दौरान देश भर में कुल 244 आतंकवादी हमले हुए और यह सारे हमले भी जम्मू एवं कश्मीर में हुए। वर्ष 2021 में अब तक देश में कुल 196 आतंकवादी हमले हुए हैं। इनमें से 195 हमले जम्मू एवं कश्मीर में जबकि एक हमला दिल्ली में हुआ है।

इसी कड़ी में उन्होंने यह भी साफ किया कि इस अवधि के दौरान पंजाब और अन्य स्थानों पर कोई आतंवादी हमला नहीं हुआ। एक अन्य सवाल के जवाब में भट्ट ने बताया कि वर्ष 2019 से लेकर अब तक हुए आतंकवादी हमलों में केंद्रीय बलों सहित अन्य बलों के कुल 177 जवान शहीद हुए हैं। यह भी कहा कि वर्ष 2019 में 80, 2020 में 62 और वर्ष 2021 में अभी तक 35 जवान इन आतंवादी हमलों में शहीद हुए।
अब इस जानकारी के सामने आने पर एक बड़ा सवाल उठता है कि भारत सरकार ने सिर्फ दो बड़े आतंकी हमले के जवाब में हीं क्यों दुश्मन पर सरप्राइज अटैक किया ? जबकि रिपोर्ट में देश भर में कुल 1034 आतंकी हमले का जिक्र है ? वो भी केवल तीन साल में ?
कुल मिलाकर इस रिपोर्ट से पैदा हुए सवालों का यहीं मतलब निकलता है कि केंद्र में सरकार किसी की भी हो पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के विरूद्ध सैन्य कार्यवाही करने से बचती है सरकारें,क्यों ?

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय जवानों पर आतंकी हमला हुआ था जिसमें सामूहिक रुप से 18 से अधिक जवान मारे गए थे, जिस संबंध में जनाआक्रोश को देखते हुए भारत सरकार की तरफ से दुश्मन खेमे में सरप्राइज अटैक का दावा किया गया था, जहां बाद में वर्ष 2019 में भी पुलवामा में भी आतंकी हमला हुआ था जिसमें लगभग 40 जवानों की मौत हुई थी जिसके बाद फिर दावा किया गया कि दुश्मन पर एअर अटैक किया गया है।
कुल मिलाकर सिर्फ दो आतंकी हमले का जवाब दिया गया जबकि बीते तीन साल में देश भर में कुल 1034 आतंकी हमले हुए हैं और इन हमलों में 177 सैन्यकर्मी मारे गए हैं तो फिर क्यों नहीं सीमापार सैन्य कार्यवाही हो रही है ?

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