अंतिम संस्कार के दौरान रावत की दोनों बेटियां
नई दिल्ली। नई दिल्ली में शुक्रवार को 17 तोपों की सलामी के साथ देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत पंचतत्व में विलीन हो गए। बताते चले कि दोपहर दो बजे दिल्ली के 3, कामराज मार्ग स्थित उनके घर से निकली अंतिम यात्रा में हजारों आंखें नम थीं,और उनके सम्मान में पुष्पवर्षा होती रही,जहां सीडीएस रावत और उनकी पत्नी को उनकी बेटियों कृतिका और तारिणी ने मुखाग्नि दी। यही नहीं जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी के शव को एक साथ ही चिता पर रखकर अंतिम संस्कार किया गया।
इस दौरान कई देशों के सेनाध्यक्ष और राजनियक भी मौजूद रहे,और इजरायल,अमेरिका,फ्रांस और रूस समेत कई देशों ने उनकी मौत पर शोक जाहिर किया था। लेकिन यहां एक बात गौर करने लायक है कि जनरल रावत के अंतिम संस्कार में चीन और पाकिस्तान की तरफ से कोई नहीं आया।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (फाईल फोटो)
गौरतलब है कि बुधवार को दोपहर 12:08 बजे तमिलनाडु के नीलगिरि जिले के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत,पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्य अफसरों की मौत हो गई थी। विमान में कुल 14 लोग सवार थे, जिनमें से केवल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही जीवित बचे है,जो कि अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। इसके बाद हादसे में मारे गए सभी सैन्य अधिकारियों के पार्थिव शरीर गुरुवार शाम को नई दिल्ली लाया गया था और सुबह जनरल रावत और उनकी पत्नी का शव 3,कामराज मार्ग स्थित उनके घर पर पहुंचा था। सुबह से ही उनके घर पर श्रद्धांजलि अर्पित करने वाली तमाम हस्तियों और आम लोगों का तांता लगा रहा।