तालिबानी लड़ाकें (फाईल फोटो)
काबुल/तेहरान। इधर कुछ दिनों से तालिबान और ईरान के बीच तनातनी जारी है,बता दें कि ईरान ने तेहरान में अफगानिस्तान के राजदूत को तलब करते हुए बेहद सख्त नाराजगी जाहिर,क्योंकि अफगानिस्तान में तालिबान समर्थित प्रदर्शनकारियों द्वारा काबुल और हेरात में ईरानी राजनयिक मिशनों पर पत्थर फेंके जाने की रिपोर्ट सामने आई थी,जहां एक दिन बाद ईरान अफगानिस्तान में अपने सभी कांसुलर सेवाओं को रोक दिया है।
बताते चले कि ईरान में अफगानिस्तान के शरणार्थियों को आम ईरानी लोगों द्वारा परेशान और अपमानित करने के बाद अफगानिस्तान में ईरान के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुआ है। इसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं। हालंकि ईरानी अधिकारियों ने अफगानी शरणार्थीयों के साथ ईरान में हुए दुर्व्यवहार को खारिज कर दिया है।
वहीं,ईरान के विदेश मंत्रालय के हवाले से कहा जा रहा है कि तालिबान तेहरान के राजनयिकों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। जहां इसके बाद ईरानी विदेश मंत्रालय ने अगली सूचना तक अफगानिस्तान में अपने सभी कांसुलर सेवाओं को रोकने की घोषणा की है।
दरअसल,दोनों (अफगानिस्तान और ईरान) देशों के बीच लगती 900 किलोमीटर के बॉर्डर पर लंबे वक्त से तनाव है। जहां अफगानिस्तान से तस्करी को लेकर ईरान बेहद अलर्ट रहता है। हाल ही में ईरान के विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन ने बताया था कि ईरान में पांच लाख से अधिक अफगान नागरिक बिना डॉक्यूमेंट्स और डॉक्यूमेंट्स के साथ रहते हैं।
मालूम हो कि इन दोनों देशों के बीच तनाव तबसे अधिक बढ़ा है जबसे अफगानिस्तान में तालिबान राज कायम हुआ, चूंकि तालिबान शासन से बचने के लिए अफगानिस्तान के तमाम नागरिक पड़ोसी देशों में शरण ले रखें है,जहां इस दौरान ये आम अफगानी ईरान में भी रह रहे हैं।