भारतीय सैनिक (फाईल फोटो)
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागालैण्ड में पहले से ही लागू अपस्फा कानून को अगले 6 महीनों तक के लिए आगे भी लागू रहने के लिए आदेश जारी कर दिया है। अभी कुछ समय पहले इस कानून का नगालैंड में विरोध हो रहा था और इसे हटाने की मांग भी उठ रही थी,और इस विरोध को राज्य के मुख्यमंत्री का भी समर्थन था। लेकिन केंद्र सरकार ने पूरे नगालैंड को ‘डिस्टर्ब एरिया’ घोषित किया है। सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि नगालैंड इतनी अशांत और खतरनाक स्थिति में है कि नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सशस्त्र बलों का इस्तेमाल बेहद आवश्यक है।
बता दें कि अपस्फा कानून के तहत सेना पांच या इससे ज़्यादा लोगों को एक जगह इक्ट्ठा होने से रोक सकती है। इसके तहत सेना को चेतावनी देकर गोली मारने का भी अधिकार है। ये कानून सेना को बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की ताकत देता है। इसके तहत सेना किसी के घर में बिना वारंट के घुसकर तलाशी ले सकती है। गोली चलाने के लिए किसी के भी आदेश का इंतजार नहीं करना और अगर उस गोली से किसी की मौत होती है तो सैनिक पर हत्या का मुकदमा भी नहीं चलाया जा सकता है। अगर राज्य सरकार या पुलिस प्रशासन, किसी सैनिक या सेना की टुकड़ी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करती है तो कोर्ट में उसके अभियोग के लिए केंद्र सरकार की इजाजत जरूरी होती है।
गौरतलब है कि इसी साल 4 दिसंबर को नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में 14 लोगों की मौत हो गई थी,इसके बाद इस कानून को हटाने की मांग उठी थी। इस दौरान नागालैंड के कई मानवाधिकार संगठन और यहां तक कि खुद राज्य सरकार ने भी इस कानून को हटाने की मांग की थी,और घटना की उच्चस्तरीय जांच का वादा भी किया गया था, हालांकि घटना की कोर्ट आॅफ इंक्वायरी के तहत जांच जारी है।