
सांकेतिक तस्वीर।
नई दिल्ली। 82 वर्षीय कमला भट्टाचार्यजी ने देश के सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की। जहां उन्होंने याचिका में यह कहा कि भारतीय सेना के कैप्टन संजीत भट्टाचार्यजी वर्ष 1997 में कच्छ के रण में एक पेट्रोल आॅपरेशन के दौरान लापता हो गए,जहां बाद में जानकारी मिली कि कैप्टन संजीत पाकिस्तान की जेल में है। इस दौरान याचिका के माध्यम से कैप्टन की मां ने देश की सर्वोच्च अदालत से मांग की कि उनके बेटें की सकुशल रिहाई कराई जाये।
बताया जा रहा है कि कैप्टन पिछले 25 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। जहां याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता से कहा, ‘मां ने अर्जी दाखिल की है जिसका बेटा सीमा पर कार्रवाई के दौरान लापता हो गया । आप (केंद्र) मामले पर अद्यतन रिपोर्ट दाखिल करें और बताएं कि क्या कदम उठाए गए हैं ? हम दूसरे देश को निर्देश नहीं दे सकते।’
गौरतलब है कि अभी हाल में केंद्र सरकार ने इस अर्जी के जवाब में दाखिल हलफनामे में कहा था कि 83 रक्षा कर्मी लापता हैं जिनमें से 62 रक्षा कर्मी वर्ष 1965 और वर्ष 1971 के युद्धबंदी हैं,जिनकी रिहाई के लिए भारत, पाकिस्तान से कूटनीतिक और अन्य उपलब्ध माध्यमों से कोशिश कर रहा है।
बता दे कि याचिका में कैप्टन संजीत की मां कमला ने देश की सबसे बड़ी अदालत से अनुरोध किया है कि वह केंद्र को कूटनीतिक माध्यम से उनके बेटे की वापसी के लिए कदम उठाने का निर्देश दे जो गत 25 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद है।
याचिका में याचिकाकर्ता द्वारा कहा गया है कि उनको सूचना मिली है कि कैप्टन संजीत पाकिस्तान के लाहौर की कोट लखपत जेल में कैद हैं। उन्होंने बताया कि संजीत को अगस्त 1992 में भारतीय सेना के गोरखा रेजीमेंट में अधिकारी के तौर पर कमीशन मिला था। जहां वर्ष 1997 में कच्छ के रण में गश्त के दौरान घात लगाकर पहले से ही ताक में बैठे पाकिस्तानी सैनिकों ने उन्हें पकड़ लिया,जहां तभी से लेकर आजतक यानि पूरे 25 वर्ष से कैप्टन संजीत पाकिस्तान के जेलों में कैद है।
