सांकेतिक तस्वीर।
वाशिंगटन। चाहे दक्षिण सागर में फिलीपिंस का मामला हो या ताइवान अथवा जापान या भारत इन सभी से चीन उलझा ही हुआ है लेकिन अब उसका नया टारगेट भूटान बनता दीख रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में सैटेलाइट इमेज के हवाले से रिपोर्ट किया गया है कि चीन ने अब भूटान के साथ अपनी विवादित सीमा पर दो मंजिला इमारतों समेत 200 से अधिक संरचनाओं के निर्माण में तेजी लाई है। चीन विवादित सीमा में बता दें कि चीन भूटान के छह स्थानों पर इन निर्माण कार्यों को अंजाम दे रहा है। अमेरिकी डेटा एनालिटिक्स फर्म हॉकआई-360 (HawkEye-360) की ओर से संबंधित मीडिया समूह को उपलब्ध कराई गई तस्वीरें और विश्लेषण इस बात को साबित करते हैं कि भूटान से लगते विवादित सीमाई इलाकों में चीन की तरफ से निर्माण कार्य को बदस्तूर अंजाम दिया जा रहा है।
बताते चले कि हॉकआई-360 जमीनी गतिविधियों की डिजीटल इंटेलीजेंस के रूप में जानकारी इकट्ठा करने के लिए उपग्रहों की तस्वीरों का इस्तेमाल करती है।
हाॅकआई 360 की तरफ से बताया गया है कि सेटेलाईट तस्वीरों से साफ है कि साल 2021 से काम में तेजी आई है। पहले छोटे ढांचे बनाए गए थे (संभवतः निर्माण सामग्रियों और आपूर्ति के लिए) इसके बाद नींव रखी गई और फिर इमारतों का निर्माण किया गया। कैपेला स्पेस (Capella Space) द्वारा नए निर्माण के स्थानों और हाल ही में ली गई उपग्रह छवियों का अध्ययन करने वाले दो अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि सभी छह बस्तियां चीन और भूटान द्वारा विवादित क्षेत्र में प्रतीत होती हैं। इसमें लगभग 110 वर्ग किलोमीटर का एक विवादित क्षेत्र भी शामिल है।
वहीं इस मसले पर भूटान का विदेश मंत्रालय बयान देने से बचता नजर आया,जबकि भारतीय सूत्रों ने साफ किया है कि चीन के हालिया निर्माण से पता चलता है कि वह अपनी महत्वाकांक्षाओं को ठोस रूप देकर अपने सीमा दावों को हल करने पर आमादा है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों से फिलीपिंस से दक्षिण सागर और जापान के एक द्वीप को लेकर वहीं ताइवान को अपने हिस्से को लेकर दावों के साथ भारत के साथ भी लद्दाख बार्डर पर तनाव पैदा करने के साथ-साथ अब चीन टारगेट कर रहा है भूटान को,लेकिन भूटान खामोशी क्यों है ? ये तो आने वाला वक्त हीं बता सकता है।