इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

चीन की घातक परमाणु पनडुब्बीयों को समुद्र में ही डूबोने के लिए भारत और आस्ट्रेलिया तेजी से अमेरिका के एंटी सबमरीन फाइटेर एअरक्राफ्ट की कर रहे हैं खरीद, चीनी नौसेना हुई अलर्ट – चंद्रकांत मिश्र/राजेंद्र दूबे


भारतीय फाइटेर एअरक्राफ्ट (फाईल फोटो)

वॉशिंगटन। चीन के पास इस समय दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है और वह इसमें कई घातक पनडुब्बियों को शामिल किया हुआ है। अब चीन की नजर हिंद महासागर पर है। इससे भारत और ऑस्‍ट्रेलिया दोनों ही चौकन्‍ना हो गए हैं और इन चीनी पनडुब्बियों को तबाह करने वाले अमेरिका निर्मित पी-8 आई पोसाइडन विमान को बहुत तेजी से खरीद रहे हैं।

भारतीय फाइटेर एअरक्राफ्ट (फाईल फोटो)

प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत और ऑस्‍ट्रेलिया दोनों ने ही अमेरिका से बड़े पैमाने पर एंटी सबमरीन पी-8 फाइटेर एअरक्राफ्ट खरीद रहे हैं। ये दोनों ही देश क्‍वॉड के सदस्‍य हैं और क्‍वॉड देशों का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्‍त और खुला बनाए रखना है। यही नहीं अमेरिका के इस फाइटेर एअरक्राफ्ट को जर्मनी, नार्वे और ब्रिटेन भी बड़े पैमाने पर खरीद रहे हैं।

चीनी परमाणु पनडुब्बी (फाईल फोटो)

बताया जा रहा है कि चीन तेजी से दक्षिण सागर के बाहर अपनी समुद्र के अंदर युद्ध लड़ने की क्षमता को बढ़ा रहा है। इससे उन देशों के लिए तो खतरा पैदा हो ही गया है जिनके साथ चीन का क्षेत्रीय विवाद है, बल्कि प्रशांत इलाके को भी चीन से खतरा है। इसलिए चीनी पनडुब्बियों की पहचान करने और उनकी निगरानी करने के लिए पी-8 पोसाइडन फाइटेर एअरक्राफ्ट के अंदर इसकी सबसे अच्‍छी क्षमता है।’

अमेरिकी परमाणु सबमरीन (फाईल फोटो)

पेंटागन के एक डिफेंस अधिकारी के मुताबिक अत्‍याधुनिक एंटी सबमरीन युद्ध क्षमता के कारण पी-8 आई चीनी पनडुब्बियों के खिलाफ सबसे बेजोड़ हथियार है। बताया जा रहा है कि इस नई क्षमता के बाद भी चीन एशिया के समुद्र में राज करने के लिए अपनी नौसेना की ताकत को बहुत तेजी से बढ़ा रहा है।

अमेरिकी परमाणु सबमरीन (फाईल फोटो)

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक चीन के पास सितंबर 2020 तक 50 डीजल से चलने वाली अटैक सबमरीन,6 परमाणु ऊर्जा से चलने वाली अटैक पनडुब्‍बी, 4 परमाणु ऊर्जा से चलने वाली मिसाइल से लैस सबमरीन मौजूद हैं। जबकि अमेरिका के पास इस समय 68 सबमरीन हैं जो सभी परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हैं। इन सबके बीच चीन बहुत तेजी से अपनी पनडुब्‍बी ताकत को बढ़ा रहा है।

चीनी परमाणु पनडुब्बी (फाईल फोटो)

एक अन्य रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि चीनी पनडुब्‍ब‍ियां परमाणु बम दागने में सक्षम मिसाइलों से लैस हैं। इसके अलावा उनमें कई एंटी शिप मिसाइल और टारपीडो लगे हैं। चीन की नई पनडुब्‍बी से लॉन्‍च की जाने वाली मिसाइल जेएल-2A है जिसकी रेंज 8600 किमी है। इससे चीन अब अमेरिका को भी निशाना बनाने की ताकत हासिल कर चुका है। चीन अपनी पनडुब्‍बी ताकत को इसलिए भी बढ़ा रहा है ताकि वह असानी से हिंद महासागर तक जासूसी कर सके। चीन अब अमेरिका निर्मित एंटी सबमरीन फाइटेर एअरक्राफ्ट पी-8 से भी निपटने के प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रहा है।

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