एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

चीन ने नेपाल के कई इलाकों पर किया अवैध कब्जा, कब्जाये गए इलाकों में नहर और सड़क बनाने की कर रहा है तैयारी, बार्डर के पिलर भी है गायब – श्रीराम पांडेय (डिप्टी एडिटर)

काठमांडू। नेपाल से चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है जिसमें नेपाली गृह मंत्रालय की एक कमिटी के हवाले से बताया जा रहा है कि कमेटी को जानकारी मिली है कि चीन ने नेपाल के कई इलाकों में घुसपैठ किया है और कुछ जगहों पर नेपाली सेना के विरोध के चलते चीनी सेना पीछे हटी है और तो और कुछ जगहों के बार्डर पिलर भी गायब है।

बताते चले कि नेपाली कमेटी के इस रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन ने नेपाल के हुमला इलाके में घुसपैठ की है। काठमांडू पोस्ट ने बताया कि इस कमेटी में शामिल संयुक्त सचिव जय नारायण आचार्य ने पिलर नंबर 4 से 13 तक की समस्याओं की पहचान की है।

नेपाली कमेटी का यह भी दावा है कि 1963 बाउंड्री प्रोटोकॉल के अनुसार पिलर संख्या 5 (2) से किट खोला स्थान के बीच का क्षेत्र तकनीकी रूप से नेपाल और चीन के बीच की सीमा के रूप में चिह्नित है।

इसका यह मतलब होता है कि यह क्षेत्र नियमों के अनुसार नेपाल के अंतर्गत आता है,लेकिन इस इलाके पर चीन ने अवैध रूप से अपना दावा किया है। विशेषज्ञों ने कहा कि यह पाया गया है कि चीनी पक्ष ने नेपाली क्षेत्र में तार और बाड़ लगा दी थी। चीनी पक्ष नेपाली क्षेत्र में 145 मीटर अंदर एक स्थायी नहर बनाने की भी कोशिश कर रहा था। इसके बाद वह सड़क भी बनाना चाहता था।
कमेटी द्वारा आगे यह भी बताया गया कि इस नहर निर्माण को लेकर नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल को हस्तक्षेप और विरोध करना पड़ा था। जिसके बाद चीनी पक्ष ने संरचनाओं को नष्ट कर दिया लेकिन मलबे अभी भी दिखाई दे रहे थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीनी पक्ष ने पिलर संख्या 6 (1) को भी घेरकर तारबंदी कर दी है। यह इलाका तकनीकी रूप से नेपाल का है। इसी तरह चीन ने पिलर संख्या 6 (1) से 6 (2) के बीच के क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास किया है।

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल-चीन संख्या पर पिलर संख्या 7 (2) गायब है। नेपाली अधिकारियों के खोजी अभियान चलाने के बावजूद यह पिलर नहीं मिला है। चीन ने नेपाल-चीन साझा पिलर संख्या 9 (2) के पास स्थित पिलर संख्या 10 के पास बाड़ लगाकर सीमा प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन किया है। चीन पर नेपाल के नागरिकों को नेपाली क्षेत्र में अपने मवेशियों को चराने से रोकने का भी आरोप लगाया गया है।
नेपाली कमेटी के अनुसार यह अति गंभीर प्रकरण है और चीनी हरकत ने इस समय नेपाल का सरदर्द बढ़ा दिया है, अब दिलचस्प होगा कि चीन के इस ओछी हरकत पर नेपाल क्या निर्णय लेगा ?

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