
तालिबान सरकार के प्रति अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उसे उम्मीद है कि एक कार्यवाहक सरकार के आगमन से युद्धग्रस्त राष्ट्र को ‘स्थिरता’ हासिल करने और हिंसा और उग्रवाद पर काबू पाने में मदद मिलेगी। सऊदी अरब बाहरी हस्तक्षेप से दूर अपने देश के भविष्य के बारे में अफगान लोगों द्वारा किए गए विकल्पों का समर्थन करेगा। सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल ने यह बात कही है।
सऊदी की राजधानी में एक प्रेस कांफरेंस में प्रिंस फैसल बिन फरहान ने कहा कि राज्य को उम्मीद है कि अफगानिस्तान में कार्यवाहक प्रशासन का गठन सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त करने व हिंसा और उग्रवाद को खारिज कर आकांक्षाओं के अनुरूप एक उज्ज्वल भविष्य के निर्माण की दिशा में एक कदम होगा।

इसी कड़ी में सऊदी विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान की संप्रभुता का हम सम्मान करते हैं और इस ‘कठिन समय’ से निपटने में सहायता प्रदान करने का वचन देते हैं। उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों और पिछले महीने काबुल हवाईअड्डे पर हुए बम विस्फोटों में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति भी संवेदना व्यक्त की।
इसी क्रम में उन्होंनें आगे कहा कि अफगानिस्तान के नागरिक बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के वर्तमान सरकार का सहयोग करें। हमें उम्मीद है कि तालिबान और अन्य सभी अफगान पार्टियां शांति और सुरक्षा बनाए रखने और नागरिकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करने के लिए काम करेंगी।

उल्लेखनीय हैं कि 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान के पहले के शासन के दौरान, सऊदी अरब पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ तीन देशों में शामिल था, जिसने तालिबान शासन की वैधता को स्वीकार किया था।
