सांकेतिक तस्वीर।
काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान शासन आने के बाद तालिबान ने ऐलान किया था कि वह आम माफी पर अमल करेगा जिसके बाद पूर्व सरकार के पुलिस अधिकारी व सैन्य अधिकारियों को बगैर सुनवाई का मौका दिये या तो मार दिया या गायब कर दिया,तालिबान के इस वादाखिलाफी की रिपोर्ट सामने आने पर पश्चिमी देश तालिबान पर भढ़क उठे है और तालिबान को कड़ी चेतावनी देते हुए साफ किया है कि तालिबान की कथित कार्रवाई मानवाधिकार का गंभीर हनन है। इसकी जल्द से जल्द जांच होनी चाहिए। पश्चिमी देशों ने यह भी कहा कि तालिबान को मानवाधिकार संगठन की इस रिपोर्ट पर जल्द से जल्द स्पष्टीकरण देना चाहिए। बताते चले कि पश्चिमी देशों का यह बयान ह्यूमन राइट्स वॉच की 25 पेज की रिपोर्ट जारी करने के कुछ दिनों बाद आया है।
पश्चिमी देशों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि रिपोर्ट किए गए घटना की तुरंत और पारदर्शी तरीके से जांच की जानी चाहिए,और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। पश्चिमी देशों ने कहा कि तालिबान पूर्व सैन्य अधिकारियों की हत्या पर तुरंत रोक लगाए नहीं तो हम कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे। हमलोग तालिबान की हर कार्रवाई का मूल्यांकन कर रहे हैं। बयान जारी करने वाले देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, कनाडा, डेनमार्क, यूरोपीय संघ, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, जापान, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, उत्तरी मैसेडोनिया, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड, यूनाइटेड किंगडम और यूक्रेन शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ‘ह्यूमन राइट्सवॉच’ने रिपोर्ट जारी करते हुए साफ किया कि तालिबानी आतंकियों ने अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज होने के बाद से 100 से अधिक पूर्व पुलिस और खुफिया अधिकारियों को या तो क्रूरतापूर्वक मार डाला है या जबरन गायब कर दिया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि तालिबान ने अपदस्थ सरकार के सशस्त्र बलों द्वारा माफी मांगने के बावजूद उनके खिलाफ जवाबी कार्रवाई जारी रखा। इस रिपोर्ट में यह भी साफ कहा गया है कि पूर्व अधिकारियों और आत्मसमर्पण करने वालों को तालिबानीयों निशाना बनाया है।
इस मानवाधिकार निगरानी समूह ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हत्याओं के स्वरूप से पूरे अफगानिस्तान में आतंक उत्पन्न हो गया है। देश में पूर्व सरकार से जुड़ा कोई भी शख्स इन दिनों खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है।
फिलहाल, मानवाधिकार रिपोर्ट के खुलासे से जिस तरह से युरोपिय संघ भढ़का हुआ है इससे यहीं लग रहा है कि तालिबान यदि अपनी हरकतों पर विराम नहीं देता है तो वह दिन दूर नहीं जब नाटों एलाएंस पलटकर तालिबान को नेस्तनाबूद न कर दे,क्योंकि तालिबान भूल रहा है कि पाकिस्तान में अभी भी नाटों फौज का एक बड़ा जत्था रूका हुआ है वो भी पूरी तैयारी के साथ जो कि एक आदेश पर टारगेट को फ़िनिश करने का दम रखती है।