
नई दिल्ली । अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने के मामले में अमेरिकी किसी जल्दबाजी के मूड में नहीं है। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने बताया कि अमेरिका वहां फंसे अमेरिकी नागरिकों को वापस लाने के लिए तालिबान के संपर्क में है।
अफगानिस्तान में तालिबान संगठन के कब्जे के बाद वहां फंसे अमेरिकी नागरिकों समेत 200 विदेशी जल्द ही काबुल से उड़ान भरेंगे। यह अफगानिस्तान पर तालिबान के संपूर्ण कब्जे और अमेरिका सेना की वापसी के बाद पहला एयरलिफ्ट मिशन होगा। इसी क्रम में जानकारी है कि अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को मान्यता देने के मामले में अमेरिकी किसी जल्दबाजी के मूड में नहीं है।

अमेरिका ने तालिबान सरकार पर अपना रूख साफ कर दिया है कि हम जल्दी में नहीं है, लेकिन हम वहां फंसे अमेरिकी नागरिकों को वापस लाने के लिए उनके संपर्क में हैं, जो अब अफगानिस्तान को चला रहे हैं और उस पर काबू कर रहे हैं। गौरतलब है कि तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था और बीते मंगलवार को तालिबान संगठन ने मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद के लीडरशिप में कैबिनेट का ऐलान किया था।
इसी कड़ी में जानकारी मिली है कि व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन पास्की ने कहा है कि काबुल में नई सरकार को मान्यता देने के लिए अमेरिका जल्दबाजी में नहीं है। उन्होंने कहा कि इस प्रशासन में कोई भी, न राष्ट्रपति और न ही राष्ट्रीय सुरक्षा दल में कोई भी यह सुझाव देगा कि तालिबान वैश्विक समुदाय का सम्मानित और मूल्यवान सदस्य है। उन्होंने इसे किसी भी तरह से अर्जित नहीं किया है और हमने कभी भी इसका अंदाजा भी नहीं लगाया है। यह एक कार्यवाहक कैबिनेट है जिसमें कभी कैद किए गए चार पूर्व तालिबान लड़ाके भी शामिल हैं।

इसी कड़ी में उन्होंनें आगे कहा है कि तालिबान को पहले बहुत कुछ करना है। हमें अमेरिकी नागरिकों, कानूनी स्थायी निवासियों, विशेष आव्रजन वीजा (एसपीवी) के आवेदकों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने के लिए हम उनसे संपर्क कर रहे हैं। हमें उनके साथ जुड़ना पड़ रहा है क्योंकि वे अभी अफगानिस्तान की देखरेख कर रहे है और देश उनके नियंत्रण में
