चीनी सैनिक (फाईल फोटो)
केनबरा/बीजिंग। दुनिया यूक्रेन संकट में उलझी रही उधर, चीन ने सोलोमन द्वीप सरकार के साथ चुपके से कई समझौतों पर साइन कर लिया,इस समझौते की रिपोर्ट सामने आने पर अमेरिका सहित दुनिया के तमाम देशों में हड़कंप मच गया है। वहीं इसी घटनाक्रम में ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि बीजिंग और होनियारा के बीच एक मसौदा सुरक्षा दस्तावेज ऑनलाइन लीक होने के बाद दुनिया की चिंता बढ़ गई है,क्योंकि, इस मसौदे में पड़ोसी सोलोमन द्वीप में चीनी मिलीट्री बेस के भी स्थापित करने का जिक्र है।
चूंकि,गुरुवार को सोलोमन द्वीप सरकार के एक अधिकारी के हवाले से इस गोपनीय समझौते की पुष्टि होने की रिपोर्ट सामने आई है। इस दौरान इस अधिकारी के हवाले से यह भी बताया जा रहा है कि चीन के साथ एक सुरक्षा संधि को चर्चा के लिए कैबिनेट में जाने की जरूरत होगी, जो कि ऑस्ट्रेलिया के साथ हस्ताक्षरित सुरक्षा संधि से मेल खाएगा, जो होनियारा में सशस्त्र बलों की तैनाती की अनुमति देता है।
वहीं,चीन की नौसेना के सैन्य जहाजों के ऑस्ट्रेलिया के पड़ोस में स्थित होने की संभावना ने कैनबरा की चिंता बढ़ा दी है,बता दें कि पिछले महीने बीजिंग के दो जहाज यहां देखे गए थे।
वहीं इसी कड़ी में आस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन ने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा कि ऑस्ट्रेलिया के होनियारा के अनुरोध पर सोलोमन द्वीप में 50 पुलिस तैनात किए गए थे जो कि ये पुलिसकर्मी वहां 2023 तक तैनात रहेंगे।
गौरतलब है कि द्वितीय विश्व युद्ध (1939-45) के समय से सोलोमन द्वीप अमेरिकियों के युद्ध स्थल इतिहास का साक्षी है,लेकिन इस क्षेत्र में अमेरिका को अपने विशेषाधिकारों को खोने का भय था,क्योंकि चीन सोलोमन द्वीप में कुलीन राजनेताओं और व्यापारिक लोगों को अपने पक्ष में शामिल करना चाहता है। दरअसल,चीन यह कदम नवंबर 2021 में उस समय उठाया जब वहां बीते नवंबर में भीषण दंगे हो रहे थे,लेकिन हैरानी इस बात की है कि जब कैनबरा सोलोमन द्वीप को अपने भरोसे में लिया हुआ था तो यह खेल कैसे हो गया ? हालांकि समझौते से संबंधित दस्तावेज अभी सार्वजनिक नहीं हुआ है।