सबमरीन (फाईल फोटो)
नई दिल्ली। दुश्मन को फ्रंट पर नेस्तनाबूद करने के लिए “INS-वेला” सबमरीन आज भारतीय नौसेना में शामिल हो गई। भारतीय नौसेना को कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी परियोजना-75 के तहत कुल छह पनडुब्बियों को सेवा में शामिल करना है। आईएनएस वेला अब सेवा में शामिल की गई है जो कि इस श्रेणी की चौथी पनडुब्बी हैं।
नौसेना का युध्दपोत (फाईल फोटो)
इससे पहले, नौसेना ने 21 नवंबर को युद्धपोत आईएनएस विशाखापट्टनम को सेवा में शमिल किया था। इस प्रकार नौसेना को एक सप्ताह में आईएनएस विशाखापट्टनम के बाद आईएनएस वेला के रूप में दो ‘उपलब्धियां’ हासिल हुई हैं।
हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए यह कदम काफी अहम माना जा रहा है। इससे पहले 21 नवंबर को नौसेना ने एक गाइडेड मिसाइल विध्वंसक पोत (डेस्ट्रॉयर) विशाखापत्तनम को भी अपने बेड़े में शामिल किया था। मिसाइल विध्वंसक पोत और चौथी स्कॉर्पीन की पनडुब्बी के शामिल होने से नौसेना को इस क्षेत्र में काफी बढ़त मिलने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि यह सबमरीन दुश्मन की सोलार सिस्टम और रडार के पकड़ से दूर रहेगी।