इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

दुश्मन चीन ने एक बार फिर किया तनाव बढ़ाने वाली हरकत, गलवान घाटी में चीनी सैनिकों द्वारा एक इंच पीछे न हटने वाला विडियो किया गया वायरल, इसी घाटी में बीते साल हुए संघर्ष में मारे गए थे कई चीनी सैनिक – सतीश उपाध्याय (सीनियर एडिटर)


भारतीय सैनिक (फाईल फोटो)

बीजिंग। देश का दुश्मन चीन ने भारत को नये साल पर लद्दाख की गलवान घाटी का एक वीडियो जारी करते हुए चेताते हुए यह बताने की कोशिश किया है कि वह एक इंच भी पीछे नहीं हटेगा। बता दें कि चीन के इस वीडियो में चीनी सैनिक नए साल की बधाई देते नजर आ रहे हैं,और इस दौरान ये चीनी सैनिक यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि हम देश की सीमाओं की रक्षा करेंगे। वहीं इस विडियो में इन चीनी सैनिकों के पीछे पहाड़ी पर लिखा है, ‘कभी भी एक इंच जमीन नहीं देंगे।’

वहीं इस कड़ी में चीन की तरफ से एक और वीडियो सामने आया है,जिसमें चीनी झंडे को तिब्‍बत के बर्फीले इलाके में एक ड्रोन से फहराया जा रहा है,इस दौरान चीनी सैनिक नए साल की बधाई भी देते दिख रहे हैं।
बताते चले कि भारत और चीन के बीच पिछले कई महीने से लद्दाख बार्डर पर तनाव बना हुआ है, जहां दोनों देशों के बीच 15 जून 2020 को खूनी संघर्ष भी हुई थी। इस दौरान भारत के सैन्य अधिकारी समेत 20 जवान शहीद हो गए थे, तो वहीं चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे, लेकिन चीन की तरफ से सिर्फ 5 सैनिकों की ही मरने की पुष्टि किया गया था,जबकि एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार इस संघर्ष में कुल 40 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए थे।

फिलहाल,बार्डर पर जारी लगातार तनाव के दौरान अभी भी दोनों तरफ से करीब 50-50 हजार सैनिकों की नफरी तैनात हैं। अभी हाल ही में चीन की तरफ से अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों 15 जगहों का नाम बदला गया है। वहीं एक अन्य रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि चीन इन नामों का इस्‍तेमाल अब चीन के आधिकारिक नक्‍शे में भी करेगा।

चीन की इन ताजा हरकतों ने भारत को उकसावें वाली हरकत करने के लिए मजबूर कर दिया है। जिस वजह से भारत ने चीन के इस कदम की तीखी आलोचना करते हुए साफ किया है कि चीन द्वारा नाम बदल देने से यह तथ्‍य नहीं बदल जाएगा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्‍न हिस्‍सा है।

गौरतलब है कि चीन के नक्‍शे में अरुणाचल प्रदेश का नाम ‘जांगनान’ या ‘दक्षिणी तिब्‍बत’ दिखाया गया है,और साल 2017 में भी चीन ने वहां के 6 स्‍थानों का भी नाम बदला था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *