
नई दिल्ली। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए ऐतिहसिक निर्णय लेते हुए आदेश जारी किया है कि छुट्टी के दौरान सैनिकों पर किसी भी तरह का हमला होता है और इस हमले के दौरान यदि सैन्यकर्मी की मौत होती है तो इस मृत्यु को ड्यूटी के तहत मृत्यु माना जायेगा और ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों के परिजनों को विभाग व सरकार के तरफ से जो भी मुवावजा व अन्य सुविधाएं मिला करती है वही व्यवस्था और नियम इस पर लागू होगा,और यह नियम देश की तीनों सेनाओं के पर लागू किया जा रहा है।

दरअसल,इस निर्णय को लागू करने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा यह तर्क दिया गया कि पिछले कुछ समय के दौरान सैन्यकर्मियों पर हमले बढ़े हैं। खासकर जब वह अवकाश पर थे। हालांकि, ऐसी घटनाएं कश्मीर में ज्यादा हुई हैं। लेकिन सरकार की तरफ से इस मामले में स्पष्टीकरण जारी कर सैन्यकर्मियों को राहत प्रदान की गई है।

हालांकि,इस निर्णय यह साफ कर दिया गया है कि अवकाश के दौरान सैनिक की निजी दुश्मनी की वजह से उस पर कोई हमला होता है और उसमें उसकी मृत्यु हो जाती है तो इसे ड्यूटी के दौरान हुई मौत नहीं माना जाएगा और ऐसे मामले में ड्यूटी के दौरान हुई मृत्यु के तहत मुआवजा नहीं मिलेगा।
