NIA की टीम (फाईल फोटो)
नई दिल्ली। देश के केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने वर्ष 2018 से अब तक टेरर फंडिंग के 64 मामलों में कार्यवाही की है। इस दौरान उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि केंद्र सरकार ने पिछले 3 साल में आतंकवाद के वित्त पोषण के 64 मामले राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपे हैं। प्रिवेंशन आफ मनी लान्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जुर्माने की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संपत्ति की कुर्की के विवरण और जांच एजेंसियों द्वारा दायर चार्जशीट के आधार पर है।
जिसमें उन्होंने आगे भी कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने इन मामलों में लगभग 250 चल और अचल संपत्तियों को कुर्क किया है, जिनकी बुक वैल्यू लगभग 881 करोड़ रुपये है। इसमें भारत में लगभग 677.73 करोड़ रुपये की संपत्ति और विदेश में लगभग 203.27 करोड़ रुपये की संपत्ति शामिल हैं। इस दौरान गृह राज्यमंत्री ने यह भी साफ किया कि पीएमएलए के तहत कुल 24 आरोप-पत्र दायर की गई हैं। भारत सरकार ने एक अलग सेल काउंटरिंग ऑफ फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज्म (CFT) का गठन किया है। टेरर फंडिंग और नकली मुद्रा के मामलों की एक केंद्रित जांच करने के लिए एनआइए में एक टेरर फंडिंग और नकली मुद्रा (TFFC) सेल का गठन किया गया है।
वहीं गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 को भी मजबूत किया गया है और इसका अधिकार क्षेत्र भी बढ़ाया गया है। उच्च गुणवत्ता वाली नकली भारतीय मुद्रा के उत्पादन या तस्करी या प्रचलन को आतंकवादी कृत्य के तौर पर अपराध घोषित कर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पहले से ही 25 जून, 2010 से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) का सदस्य है।