अमेरिकी फाइटेर एअरक्राफ्ट (फाईल फोटो)
वॉशिंगटन/मॉस्को। रूस-यूक्रेन के बीच जारी भीषण लड़ाई के दौरान अभी दो दिन पहले परमाणु बमों से लैश रूसी लड़ाकूं विमानों ने स्वीडन की सीमा में घुसपैठ किये थे,जहां स्वीडिश एअरफोर्स ने इन रूसी लड़ाकूं विमानों का पीछा किया, लेकिन तब तक ये विमान बहुत दूर जा चुके थे,जहां इस घटना को यूरोपीय संघ के साथ-साथ अमेरिका ने बहुत गंभीरता से लिया और जवाबी कार्रवाई के तहत अमेरिका का भी एक न्यूक्लियर बॉम्बर जेट शुक्रवार को रूसी सीमा के पास उड़ान भरा,जिसे रूस के खिलाफ चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि रूसी सीमा के पास यह अमेरिकी फाइटेर एअरक्राफ्ट ऐसे समय पर देखा गया, जब यह रिपोर्ट सामने आई थी कि मॉस्को ने परमाणु हथियारों से लैस बॉम्बर्स को स्वीडन की तरफ भेजा था।
बताते चले कि दो दिन पहले हीं स्वीडिश मीडिया के हवाले से यह रिपोर्ट किया गया कि रूस के चार लड़ाकू विमानों ने बाल्टिक के ऊपर गोटलैंड द्वीप के तरफ उड़ान भरी,जिसमें दो सुखोई Su-24 बॉम्बर्स और दो सुखोई Su-27 लड़ाकू विमान शामिल थे। रिपोर्ट के अनुसार ये रूसी बॉम्बर्स जेट उस वक्त परमाणु हथियारों से लैस थे।
रूस के इस हरकत के पीछे प्रमुख वजह यह बताया गया कि इस उड़ान के दौरान रूसी लड़ाकू विमानों ने इस बात का आंकलन करने की कोशिश की कि नाटों देश और स्वीडन तथा फिनलैंड जैसे तटस्थ रहने वाले देश कितनी देर में प्रतिक्रिया देते हैं ? लेकिन यूक्रेन संकट के समय से हीं स्वीडन की एयरफोर्स अलर्ट पर थी।
उल्लेखनीय हैं कि स्वीडन नाटों का सदस्य देश नहीं है लेकिन स्वीडन की सेना कई बार नाटों देशों की सेना के साथ सैन्य मिशन में हिस्सा ले चुकी है।