जनरल बाजवा और इमरान खान (फाईल फोटो)
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में पिछले कई महिनों से जारी सियासी तूफान के बीच अभी हाल ही में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद पाकिस्तान के उपर अफगान तालिबान के साथ-साथ अब एक और खतरा मंडराता दिख रहा है,बता दें कि पाकिस्तानी फौज में पिछले कई महिनों से जारी अंदरूनी कलह अब सतह पर दिखाई देनी शुरू हो गई है। दरअसल,जबसे इमरान खान की सरकार गिरी है उसी समय से पाकिस्तानी सेना में मुश्किलों का दौर बढ़ गया है। वहीं,इमरान के करीबी पूर्व मंत्री सरकार गिराने के लिए सीधे तौर पर फौज को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। देश और विदेश में मौजूद इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के सोशल मीडिया सेल पाक फौज को खुलेआम गालियां दे रहे हैं।
ISI का एक्स.चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज (फाईल फोटो)
उधर,पाक फौज की बात की जाये तो सीधे-सीधे फौज दो गुटों में बंटती दिख रही है,जिसमें में एक तबका,पूर्व ISI चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के साथ है और उन्हें ही नवंबर में अगला आर्मी चीफ बनते देखना चाहता है। क्योंकि फैज हमीद इमरान के दाएं हाथ माने जाते हैं। तो वहीं दूसरा हिस्सा,आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के कब्जे में है।
वहीं,पाकिस्तान की स्थानिय मीडिया समूह के रिपोर्ट्स में साफ-साफ दावा किया गया है कि पाक फौज को भी दो हिस्सों में बांट दिया गया है। जिसमें एक गुट के नेता आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा हैं तो दूसरे धड़े की कमान पूर्व ISI चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के हाथ में है। बता दें कि फैज हमीद और इमरान खान आपस में बहुत करीबी दोस्त हैं। पिछले साल अक्टूबर में इमरान ने उनका ट्रांसफर रुकवाने के लिए बाजवा से सीधा पंगा लिया था।
दरअसल,पूरे संग्राम की जड़ अफगान तालिबान है,जो कि पिछले साल जब अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान छोड़ा तो पूरी दुनिया पाकिस्तान पर तोहमत मढ़ रही थी। तब फैज ISI चीफ थे और जनरल बाजवा को बताए बिना अफगानिस्तान चले गए थे। बाद में उन्होंने कहा था कि वो इमरान को बताकर गए थे,यानी वो बाजवा को आर्मी चीफ ही नहीं मान रहे थे। तभी से जनरल बाजवा लेफ्टिनेंट जनरल फैज पाकिस्तानी खुफिया ऐजेंसी के चीफ पद से हटाने के लिए अड़ गए,इस दौरान स्थिति यहां तक बिगड़ गई थी कि बाजवा किसी भी हद तक जा सकते थे लेकिन अंत में बाजवा के आगे इमरान खान को झुकना पड़ा जिस वजह से फैज को ISI के निदेशक पद से हटना पड़ा। कुल मिलाकर बाजवा की चाल हमीद और इमरान पर भारी पड़ी। इधर, हमीद का ट्रांसफर हुआ और चंद महीने में इमरान भी निपट गए।
चूंकि,इमरान चालें तो बहुत चल रहे हैं,लेकिन ये कामयाब नहीं हो पा रही,इसी बीच खान की सोशल मीडिया टीम फौज और जनरल बाजवा को जमकर बदनाम करने की साजिश रच रही थी,कि इसका जवाब फौज ने दिया और इमरान की सोशल मीडिया टीम पर जबरदस्त कार्रवाई करते हुए इसके प्रमुख समेत कुल 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
हालांकि इमरान के कार्यकर्ता अभी भी जोश में हैं और इमरान उन्हें यह समझाने में कामयाब रहे हैं कि सरकार को अमेरिका ने साजिश करके गिराया है। फौज को भी गाली दी जा रही है।
इसी दौरान यह भी रिपोर्ट सामने आ रही है कि पाक फौज के ज्यादातर रिटायर्ड फौजी जनरल और दूसरे अफसर खुलेआम PTI का समर्थन कर रहे हैं। यही वजह है कि फौज दो भागों में बंटती नजर आ रही है और आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा खुद इस मामले से निपटने में जी जान से जुटे हैं।
क्योंकि कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी फौज की देश में खिलाफत इतनी बढ़ गई है कि जनरल बाजवा को खुद मोर्चा संभालना पड़ रहा है। पिछले हफ्ते उन्होंने लाहौर में रिटायर्ड फौजी अफसरों से मुलाकात की। इनमें से ज्यादातर PTI के समर्थक हैं और फौज के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़े हुए हैं। इस दौरान बाजवा इन लोगों को समझाने की कोशिश करते नजर आये उन्होंने इन लोगों से कहा कि हमने इमरान को हर सुविधा और मौका दिया,लेकिन वो फिर भी नाकाम रहे। इसके बाद हम कुछ नहीं कर सकते थे। मुल्क तो आईन यानी संविधान के हिसाब से ही चलेगा।
बताया जा रहा है कि इस सीक्रेट मीटिंग में कुछ पूर्व अफसरों ने जब ज्यादा सवाल-जवाब किए तो जनरल बाजवा ने उनको धमकी भरे अंदाज में कहा कि यह ध्यान में रखिए कि आपको पेंशन और दूसरी सुविधाएं फौज से ही मिलती हैं। यह एक तरह से बेलगाम पूर्व अफसरों को आर्मी चीफ की धमकी थी।
कुल मिलाकर पाक फौज में अब कलह मच चुकी है और इस कलह के पीछे सिर्फ और सिर्फ इमरान खान हीं है,और वें पूरे देश में सत्ता परिवर्तन के पीछे सिर्फ जनरल बाजवा और अमेरिकी साजिश की बात पूरे दम खम के साथ रख रहे हैं,जिस वजह से पाकिस्तान का एक बड़ा तबका इमरान की हां में हां मिला रहा है जिसमें पाक फौज के तमाम रिटायर कमांडर और वर्तमान मिलीट्री जनरल भी शामिल हैं और ये लोग भी इमरान के साथ नजर आ रहे हैं,अब ऐसे में बाजवा जब समझाने के मिशन पर जुटे तो सवालों से खींझकर उल्टा उन लोगों को धमकाने लगे जिस वजह से स्थिति और भी बिगड़ती दिख रही है। जो कि पाकिस्तान के लिए बड़े खतरें की घंटी है अब क्या होगा ? ये तो आने वाला वक्त हीं बता सकता है।