एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तानी सेना और अफगान तालिबान के बीच सीमा पर बाड़बंदी को लेकर तनाव चरम पर, तालिबान ने कई जगहों पर निर्माण कार्य को रोका और कई जगहों से खदेड़ा पाक सैनिकों को – रविशंकर मिश्र (एडिटर इन आॅपरेशन)

Northern Alliance Army blows up Taliban attackers in Panjshir Valley and captures their tanks
तालिबानी लड़ाके (फाईल फोटो)

काबुल। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा विवाद एक बार फिर विवादों में है,अभी हाल ही में अफगानिस्तान की सीमा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा कराये जा रहे बाड़बंदी और सैन्य चौकियों को तालिबान द्वारा जबरन रोक दिया गया था लेकिन अब दोनों देशों के बीच वर्षों पुरानी डुरंड लाइन का विवाद फिर से सामने आ गया है। दरअसल,पाकिस्तान की यह सोच थी कि सालों का यह विवाद तालिबान के साथ सुलझा लिया जाएगा, लेकिन तालिबान का पाकिस्तान के प्रति यह आक्रामक रवैया,पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फेरने जैसा साबित हो रहा है।

वहीं,दोनों देशों के बीच इस ताजे तनाव पर इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी (आईएफएफआरएएस) ने साफ किया है कि यह एक ज्वलंत मुद्दा है जो अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव का मुख्य कारण है।
दरअसल, दोनों देशों के बीच 2600 किलोमीटर लंबी डूरंड लाइन सालों पुराना एक बड़ा विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है। इसके पहले की अशरफ गनी सरकार ने भी सीमा पर बाड़ लगाने पर आपत्ति जताई थी,और इसे रोका भी था।

हालांकि, तब अशरफ गनी की सरकार पाकिस्तान को रोकने में नाकाम रही थी। वहीं पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान से लगी 90 फीसदी सीमा पर बाड़बंदी हो चुकी है।

गौरतलब है कि पश्तून नस्लीय समुदाय के लोग पाक-अफगान सीमा के दोनों ओर निवास करते हैं। अफगानिस्तान में इस समुदाय के 42 प्रतिशत लोग रहते हैं। जबकि,पाकिस्तान में पश्तूनों की आबादी 25 फीसदी है। और इन दोनों देशों में बटे ये पशतून कभी नहीं चाहते कि सीमा पर बाड़बंदी हो। हालांकि,इस दौरान पिछले कुछ दिनों से मीडिया में रिपोर्ट आ रही है कि बाड़बंदी से संबंधित सभी कार्यवाही को तालिबान की तरफ से रोक लगा दी गई है,और कुछ जगहों पर पाकिस्तानी सेना के जवानों को तालिबानियों ने खदेड़ भी दिया है,लेकिन पाकिस्तान की तरफ से इन घटनाओं की पुष्टि नहीं की जा रही है।

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