पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में भारतीय सैनिक (फाईल फोटो)
नई दिल्ली/बीजिंग। चीनी सेना की एक और हरकत सामने आई है,जिसमें दावा है कि चीनी सेना पैंगोंग त्सो लेक के अपने वाले हिस्से में एक ब्रिज बना रही है। एक अनुमान के अनुसार बताया जा रहा है कि इस पुल से चीनी सेना आसानी से कम समय में बार्डर पर पहुंच सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि अभी बिना पुल के चीनी सेना को यहां तक पहुंचने में 200 किलोमीटर का फासला तय करना पड़ रहा है,जबकि ब्रिज से यह दूरी घटकर मात्र 40 से 50 किलोमीटर तक ही रह जाएगी।
बताते चले कि चीनी सैनिकों को 200 किलोमीटर की दूरी तय करने में 8 घंटा लगता है जबकि पुल के माध्यम से 40-50 किलोमीटर की दूरी मात्र 2 घंटे में ही पूरा कर लिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार यह पुल चीन इलाके खुर्नाक में बनाया जा रहा है। पैंगोंग त्सो लेक का यह सबसे संकरा और दुर्गम हिस्सा है। सैटेलाइट इमेज में इस ब्रिज कंस्ट्रक्शन की पूरी तस्वीर साफ हो गई है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,चीन ने इस पुल के निर्माण में सक्रियता तब दिखाई,जब चीनी सैनिकों को अगस्त 2020 में भारतीय सेना द्वारा किये गये ऑपरेशन के दौरान तगड़ा झटका लगा था,तब भारतीय सेना ने चीनी सेना को पछाड़ते हुए पैंगोंग त्सो लेक के दक्षिणी हिस्से में मौजूद तमाम पहाड़ी चोटियों पर कब्जा कर लिया था।
मीडिया रिपोर्ट में दावा है लेक का यह हिस्सा काफी संकरा है और चीनी सेना ने इस ब्रिज के पार्ट्स को तैयार कर लिया हैं,जो कि तय जगह पर लाकर इन्हें जोड़ा जाएगा। दरअसल, पैंगोंग त्सो लेक 135 किलोमीटर में फैली हुई है। इसका कुछ हिस्सा लद्दाख तो कुछ तिब्बत में आता है। इसी इलाके में भारत और चीन के बीच मई 2020 से ही तनाव बरकरार है।
इसी इलाके में चीनी सैनिकों ने कुछ नई सड़कों भी निर्माण जारी रखा हुआ है। बता दें कि अगस्त 2020 में चीनी सेना को यहां तक पहुंचने में एक से दो दिन लग गए थे,जिससे चीन को मुंह की खानी पड़ी थी,इन्ही गलतियों से सबक लेते हुए अब बेहतर तैयारी में जुटा है चीन।