S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम (फाईल फोटो)
नई दिल्ली। भारत के अजीज दोस्त रूस के राष्ट्रपति पुतिन सोमवार को नई दिल्ली पहुंचें जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद हाउस में उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इस दौरान दोनों देशों के बीच कुल 28 समझौते हुए।
इस दौरान भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मीडिया को बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादमिर पुतिन वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने दिल्ली आए है।
विदेश सचिव श्रृंगला ने आगे यह भी कहा कि राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा छोटी लेकिन बेहद महत्वपूर्ण रही। दोनों नेताओं के बीच बेहतरीन सकारात्मक बातचीत हुई। इस दौरान कुल 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, भारत और रूस ने अगले 10 वर्षों के लिए रक्षा क्षेत्र में भी सहयोग के एक कार्यक्रम पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
यूक्रेन और रूस के बीच जारी तनाव से जुड़े सवाल पर विदेश सचिव श्रृंगला ने साफ किया कि जहां तक मुझे लगता है रूस इस पर पहले ही अपनी बात रख चुका है। मुझे नहीं लगता कि इसमें आगे कुछ बात हुई होगी। जहां तक भारत को S-400 की सप्लाई का सवाल है, ये इस महीने शुरू हो चुका है और आगे भी यह जारी रहेगा।
अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार के मान्यता देने के सवाल के जवाब में विदेश सचिव ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इस पर कोई चर्चा हुई है। रिसीप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक्स एग्रीमेंट के मुद्दे को कुछ समय के लिए टाल दिया गया है क्योंकि अभी भी कुछ मुद्दे हैं जिन पर हमें आगे चर्चा करने की आवश्यकता है, इसलिए मुझे लगता है कि हम इसे जल्द से जल्द समाप्त कर देंगे।
बताते चले कि इस यात्रा को लेकर पुतिन और मोदी ने एक दूसरे देशों को लेकर बहुत ही आत्मीय भाव से अपनी भावनाएं प्रकट किये,जो कि दुनिया के लिए साफ संकेत था कि दुनिया इधर से उधर हो जाए लेकिन भारत और रूस की दोस्ती कभी टूट नहीं सकती।