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फिनलैंड के राष्ट्रपति ने पुतिन को फोन करके नाटों में शामिल होने के अपने रूख को किया साफ,आस्वस्त भी किया कि हम दोनों के संबंध नहीं होंगे प्रभावित – हेमंत सिंह/नित्यानंद दूबे


फिनलैंड के राष्ट्रपति नीनिस्टो (फाईल फोटो)

कीव/हेलसिंकी। रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग के दौरान फिनलैंड के नाटों में शामिल होने की चर्चा तेजी पर है,जहां इस बीच शनिवार को एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली नीनिस्टो ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन को फोन कर कहा कि सैन्य रूप से निर्गुट रहा उनका देश रूस के साथ सीमा और इतिहास साझा करता है। उन्होंने कहा कि फिनलैंड आने वाले दिनों में नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन करने पर फैसला करेगा। नीनिस्टो के कार्यालय ने यहां जारी बयान में कहा कि फिनिश राष्ट्राध्यक्ष ने फोन पर हुई बातचीत में पुतिन को बताया कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर मॉस्को के हमले के बाद फिनलैंड के सुरक्षा वातावरण में कैसे बड़ा बदलाव आया है।

उल्लेखनीय है कि नीनिस्टो वर्ष 2012 से ही फिनलैंड के राष्ट्रपति हैं। वह उन कुछ पश्चिमी नेताओं में से हैं जो गत 10 साल से नियमित तौर पर पुतिन के साथ संवाद कर रहे हैं।

नीनिस्टो ने रेखांकित किया कि उन्होंने पुतिन से वर्ष 2012 में हुई पहली बैठक में ही स्पष्ट कर दिया था कि प्रत्येक स्वतंत्र देश अपनी सुरक्षा को बढ़ाएगा। उन्होंने आगे भी कहा नाटो से जुड़कर फिनलैंड अपनी सुरक्षा बढाएगा और जिम्मेदारी भी निभाएगा। यह ऐसा नहीं है जो किसी से अलग है।

उन्होंने जोर दिया कि फिनलैंड भविष्य में नाटो की सदस्यता लेने के बावजूद रूस के साथ द्विपक्षीय स्तर पर समझौते को जारी रखना चाहता है। नीनिस्टो ने कहा कि ये व्यावहारिक मुद्दे सीमा से सटे पड़ोसियों द्वारा पैदा हुए हैं और उम्मीद है कि मॉस्को से पेशेवर तरीके से संबद्ध रहेंगे।

गौरतलब है कि फिनलैंड और रूस करीब 1,340 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। यह यूरोपीय संघ के किसी देश की रूस से लगती सबसे लंबी सीमा है।

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