ढाका। बांग्लादेश में अभी अब भी अल्पसंख्यक हिंदुओं पर लगातार हमले जारी है। इन हमलों में अभी तक 4 लोगों की मौत हुई है और 70 के लगभग घायल है,इसी कड़ी में एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार इस जारी हिंसा में 70 से अधिक पूजा स्थलों को निशाना बनाया गया है। ताजा हमला फेनी में हुआ है जहां मंदिरों में तोड़फोड़ के अलावा हिंदुओं की दुकानों को लूटा गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश के 20 जिलों में बीते तीन दिनों से हिंदू मंदिरों और दुर्गा पूजा पंडालों को निशाना बनाकर कई हमले हुये है। हिंदुओं का कहना है कि प्रशासन उन्हें सुरक्षा देने में असफल रहा है।
वहीं एक अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 10 हजार मुस्लिमों ने सड़कों पर प्रदर्शन कर मुस्लिम धर्म विरोधियों के लिए फांसी की मांग की है। इसी क्रम में हिंदुओं की तरफ से भी करीब हजार लोगों ने सड़क पर उतरकर मंदिरों में हमले की आलोचना की और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश की स्थापना फजलुल करीम ने इस्लामी शाशोनतंत्र आंदोलन के रूप में की थी। वर्ष 2008 में इसे इसका नया नाम दिया गया। इसकी छात्र शाखा भी है। इस संगठन ने बांग्लादेश में ईशनिंदा कानून जैसे काले कानून को बनाए जाने का समर्थन किया था। हज और मुहम्मद की आलोचना करने पर पूर्व मंत्री अब्दुल लतीफ सिद्दिकी के खिलाफ प्रदर्शन किया था। यह संगठन रोहिंग्या मुस्लिमों का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र से उठा चुका है।
बताया जा रहा है कि बांग्लादेश के संसदीय चुनाव में इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश पार्टी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। बांग्लादेश में इस कट्टरपंथी पार्टी के समर्थकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ये लोग भारत में कैब और एनआरसी लागू किए जाने का भी कड़ा विरोध कर रहे हैं।
फिलहाल,बांग्लादेश में हिंदू समुदाय इस समय वहां की संवेदनशील स्थिति से बहुत चिंतित व भयभीत है।