इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

ब्रिटिश खुफिया ऐजेंसी के चीफ ने रुस और चीन की जासूसी करने को तरीकों पर किया बड़ा खुलासा, दोनों देश गैर परंपरागत जासूसी में दिन ब दिन हो रहे हैं मजबूत – सतीश उपाध्याय (सीनियर एडिटर)


सांकेतिक तस्वीर

लंदन। ब्रिटिश खुफिया ऐजेंसी MI-6 के चीफ रिचर्ड मूर ने चीन और रूस के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी को लेकर पूरी दुनिया को चेतावनी दी है कि ये दोनों देश जासूसी का पैटर्न ही बदल दिये है और इनकी यह तकनीकी आने वाले 10 वर्षों में भूराजनीति में क्रांतिकारी बदलाव कर सकते हैं। बताते चले कि मूर एमआई 6 के चीफ बनने के बाद पहली बार सामने आये हैं।

मूर के भाषण के पहले ही जारी किए गए उनके अंश के हवाले से बताया गया है कि, ‘हमारे शत्रु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्‍वांटम कंप्‍यूट‍िंग, सिंथेटिक बॉयोलॉजी पर महारत हासिल करने के लिए जमकर पैसा बहा रहे हैं और उनका ऐसा करने का इरादा भी है। वे यह जानते हैं कि इन तकनीकों पर महारत हासिल करना उन्‍हें मदद कर सकता है।’

बताते चले कि मूर का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब दुनियाभर के जासूस अत्‍याधुनिक तकनीकों पर महारत हासिल कर रहे हैं जिससे अब तक इंसानों के जरिए होने वाले जासूसी अभियानों को चुनौती मिल रही है। अब तक हजारों साल से जासूसों के जरिए ही दुनिया में जासूसी को अंजाम दिया जाता रहा है।
मूर अपने अंडरकवर मिशन के दौरान वह राजनयिक की भी भूमिका में रह चुके हैं।

यहां यह भी साफ किया जा रहा है कि पश्चिमी देशों की खुफिया ऐजेंसियों को डर है कि चीन अगले आने वाले दशकों में सभी उभरती हुई प्रमुख तकनीकों खासतौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्‍वांटम कंप्‍यूट‍िंग, जेनेटिक्‍स पर बादशाहत हासिल कर सकता है।

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