साध्वी प्रज्ञा सिंह पुलिस हिरासत के दौरान (फाईल फोटो)
मुंबई/नई दिल्ली। वर्ष 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम विस्फोट के मामले में NIA कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई के दौरान, घटना से जुड़े एक महत्वपूर्ण गवाह ने बड़ा खुलासा करते हुए कोर्ट को बताया कि महाराष्ट्र ATS टीम ने उसे भयानक तरीके से प्रताड़ित करते हुए इस बात का दबाव बनाया था कि वह इस मालेगांव विस्फोट की घटना में योगी आदित्यनाथ सहित RSS के चार अन्य सदस्यों का भी नाम ले और इस घटना में इनकी संलिप्तता स्वीकार करें,जहां बाद में संबंधित अदालत को उस गवाह ने महाराष्ट्र ATS की इस करतूत के बारे में बता दिया था।
बताते चले कि इस घटना की नियमित सुनवाई जारी है, और इस घटना में महाराष्ट्र ATS ने कुल 495 गवाह बनाया था, जिसमें अभी तक 140 गवाहों की गवाही अदालत में पूरी की जा चुकी है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव भिकू चौक के पास 29 सितंबर 2008 को हुए बम विस्फोट में छह लोगों की मौत हुई थी और 101 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। जहां बाद में जांच के दौरान इस मामले में महाराष्ट्र ATS ने साध्वी प्रज्ञा सिंह,कर्नल डी के पुरोहित समेत कईयो के खिलाफ चार्जशीट संबंधित अदालत में पेश किया था,जो कि यह मामला अब NIA ऐजेंसी की विशेष अदालत में नियमित सुनवाई पर है,जहां अदालत ने अक्टूबर 2018 में सासंद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल डीके प्रसाद पुरोहित समेत,रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर धर द्विवेदी, समीर कुलकर्णी और सुधाकर चतुर्वेदी आदि के उपर आरोप तय किया था,जो कि सुनवाई जारी है।