एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

मोहाली ब्लास्ट में 11 संदिग्ध हुए डिटेन, हमलें में पाकिस्तान के साथ-साथ तालिबान कनेक्शन भी आ रहा है सामने, जल्द बड़े खुलासे के साथ ऐजेंसियां करेंगी वर्कआउट – सतीश उपाध्याय/अमरनाथ यादव

चंडीगढ़/मोहाली। पंजाब के मोहाली में स्थित पंजाब पुलिस के इंटेलीजेंस हेडक्वार्टर्स पर हुए हमले की जांच के दौरान बुधवार को एक नया मोड़ आ गया है,कहा जा रहा है कि हमले में इस्तेमाल किये गये रॉकेट लॉन्चर को बरामद कर लिया गया है। हालांकि अभी ये खुलासा नहीं किया गया है कि ये लॉन्चर कहा से बरामद हुआ ? जहां इस दौरान राज्य व केंद्र के ऐजेंसियों के ज्वाईंट सर्च आॅपरेशन के बीच मोहाली ब्लास्ट में अब तक कुल 11 संदिग्धों को डिटेन किये जाने की रिपोर्ट सामने आ रही है। इन लोगों से पूछताछ में पता चला कि इन लोगों का मकसद पूरी इंटेलिजेंस विंग हेडक्वार्टर की पूरी बिल्डिंग को हीं उड़ाना था। लेकिन वे अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए।

सांकेतिक तस्वीर।

इस बीच एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि इस हमले में टीएनटी विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया जो आरडीएक्स से भी ज्यादा घातक है। रॉकेट अटैक के 24 घंटे के अंदर इसके लॉन्चर के बरामद होने का दावा पंजाब पुलिस ने कर दिया है। RPGL लॉन्चर के बरामद होने का मतलब है कि अब तक केवल अंधेरे में हाथ पैर मार रही पुलिस अब हमलावरों तक अपनी पकड़ व पहुंच बनाने में कामयाब हो चुकी है।

गौरतलब है कि मोहाली में सेक्टर 77 स्थित इंटेलिजेंस विंग के हेडक्वार्टर में सोमवार रात को आरपीजी से हमला किया गया था। इस हमले में बिल्डिंग की खिड़कियों के शीशे टूट गए थे। इस घटना को इंटेलीजेंस की विफलता के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि इसी बिल्डिंग में राज्य की ‘काउंटर इंटेलिजेंस विंग’, विशेष कार्य बल और कुछ अन्य यूनिट्स के दफ्तर हैं। राजनीतक दलों ने इसे बेहत गंभीर और चौंकानेवाली घटना बताया है।

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में हरियाणा के करनाल में चार संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था । जहां इन चारों के तार पाकिस्तान से जुड़े हुए थे। इनके पास से हथियार और विस्फोटक बरामद किये गए थे। वहीं पंजाब के तरन तारन जिले से 1.50 किलोग्राम RDX से भरा एक IED बरामद हुआ था। इस मामले में दो और भी लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले, 24 अप्रैल को चंडीगढ़ की बुरैल जेल के पास एक विस्फोटक उपकरण भी बरामद हुआ था।

उधर,इसी घटनाक्रम में एक और बड़ी जानकारी उभरकर सामने आई है,बताया जा रहा है कि हमले में इस्तेमाल की गई RPGL को सिर्फ अफगानी तालिबानी करते हैं,इससे अब यह साफ हो गया कि जब बीते साल अफगानिस्तान में पूरी तरह से तालिबानी शासन कायम हुआ था तो उसी समय देश की खुफिया ऐजेंसियों ने कहा था कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे वाले हथियार व अन्य घातक बम-बारूद आदि पाकिस्तान भेजे जा रहे हैं। जो कि आने वाले वक्त में आतंकियों को दिये जायेंगे,जिसका कि इस्तेमाल भारत के कश्मीर व अन्य इलाकों में होगा। जैसा कि इस घटनाक्रम से साबित भी हो रहा है।

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