एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

यूक्रेन के उपर संभावित केमिकल अटैक की कड़ी में अमेरिका की नवगठित ऐजेंसी “सीक्रेट-टाईगर” दुश्मन की करेगी निगरानी, तेजी से इकट्ठा किये जा रहे इंटेलीजेंस रिपोर्ट – हेमंत सिंह/नित्यानंद दूबे


रुसी फौज की एक टुकड़ी (फाईल फोटो)

वाशिंग्टन/कीव। पिछले एक महिने से रूस के घातक हमलों का दंश झेल रहे यूक्रेन पर अब केमिकल अटैक का खतरा बढ़ गया है,चूंकि लड़ाई को एक महिने हो गए लेकिन अभी तक रूस को कुछ खास सफलता नहीं मिली जिस वजह से अमेरिका सहित दुनिया की तमाम इंटेलीजेंस ऐजेंसियों को लगता है रुस अपने टास्क को पूरा करने के लिए अब यूक्रेन के उपर केमिकल हमले का प्लान कर रहा है। वहीं अमेरिकी खुफिया ऐजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार पुतिन,यूक्रेन के कुछ शहरों में केमिकल हमले या फिर बायोलॉजिकल हथियारों के इस्तेमाल का आदेश दे सकते हैं।

केमिकल अटैक की आशंका के बीच अब अमेरिका ने “सीक्रेट -टाइगर” नाम से एक टीम का गठन किया है,जहां इस टीम में अमेरिका के शीर्ष 20 सैन्य अफसरों को शामिल किया गया है। ये टीम हर सप्ताह में तीन बार बैठक करती है। यूक्रेन के पड़ोसी देश पोलैंड सहित अन्य नाटों देशों से ये टीम लगातार इंटल इनपुट के आधार पर रूसी सेना की हरकतों पर नियमित नजर रख रही है।

वहीं,इसी कड़ी में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा जा रहा है कि अब तक लगभग 7 हजार रूसी सैनिकों सहित 20 कमांडरों के मारे जाने के बाद से ही पुतिन काफी बेचैन हैं। बता दें कि ब्रेसल्स में नाटों की बैठक में फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने भी यूक्रेन के उपर केमिकल अटैक आशंका जताई है।

गौरतलब है कि पिछले एक महिने से रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है,इस दौरान यूक्रेन के कई शहर भयानक रूप से बर्बाद हो गए हैं,रातों-दिन भीषण बमबारी से करीब 35 लाख नागरिकों ने यूक्रेन छोड़कर पड़ोसी देशों में शरण ले रखा है। इस दौरान अब तक भारी संख्या में यूक्रेन के नागरिकों के साथ-साथ बच्चे व महिलाएं भी इस युद्धकाल में मारे जा चुके हैं, हालांकि भारी नुकसान झेलते हुए भी यूक्रेन अभी तक दुश्मन के सामने सरेंडर नहीं किया और पूरी तटस्थता के साथ दुश्मन के खिलाफ कई फ्रंट पर काउंटर अटैक के जरिए रूस को करारा जवाब दे रहा है, जिस वजह से रूस को भारी तबाही का सामना करना पड़ रहा है, इसीलिए रुसी फौज अपने टास्क को पूरा करने में असमर्थ साबित हो रही है तो ऐसे में अब केमिकल अटैक की रिपोर्ट सामने आ रही है जिसे लेकर नाटों की इंटेलीजेंस ऐजेंसियों के साथ-साथ अब अमेरिका की भी नवगठित “सीक्रेट-टाईगर” ऐजेंसी को केमिकल अटैक से संबंधित हरकतों की निगरानी करने का टास्क दिया गया है।

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