फाइनल रिपोर्ट

यूक्रेन के उस दावें को रूस ने किया खारिज जिसमें पुतिन और रुसी रक्षामंत्री के बीच तीखी बहस की वजह से रक्षामंत्री के गायब होने का किया गया था दावा – रविशंकर मिश्र/नित्यानंद दूबे


फाईल फोटो।

कीव/मॉस्को। रूस-यूक्रेन के बीच जारी भीषण लड़ाई क्रम में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के सलाहकार एंटन गेराश्‍चेंको ने एक दावा किया था कि रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बहस के बाद हार्ट अटैक आया था,जिसके बाद से रुसी रक्षामंत्री दिखाई नहीं दे रहे हैं,इस तीखी बहस के बारे यह भी दावा किया गया कि पुतिन ने यूक्रेन में चलाए जा रहे विशेष सैन्‍य अभियान में असफलता के लिए सर्गेई को जिम्‍मेदार ठहराया था।

जबसे यूक्रेन की तरफ से रुसी रक्षामंत्री के बारे ऐसा दावा सामने आया तो दावें के क्रम में रूस की तरफ से भी यूक्रेन के दावें को खारिज करने के उद्देश्य से रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू पहली बार टेलिविजन पर नजर आए हैं,जहां उन्हें रूस की सरकारी टीवी पर एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिखाया गया। हालांकि, इस दौरान सर्गेई शोइगू का चेहरा उतरा हुआ था और वे काफी थके हुए दिखाई दे रहे थे। इस दौरान रुसी रक्षामंत्री को बैठक में वित्त मंत्रालय से अपने विनाशकारी युद्ध के लिए अधिक बजट जारी करने की अपील करते हुए सुना गया।

हालांकि,रशियन टीवी पर प्रसारित हुई इस बैठक की शूटिंग कब की गई ? इसके बारे में कोई ठोस जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है,लेकिन बैठक के दौरान सर्गेई शोइगू यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान पर बोलते जरूर दिखाई दिए। बता दें कि सर्गेई शोइगू को पुतिन का सबसे करीबी माना जाता है।

दरअसल,इससे पहले शोइगू 11 मार्च को आखिरी बार दिखाई दिए थे। जिसके बाद से उनके गायब होने की भी खूब अफवाहें उड़ी थी। लेकिन रूसी मीडिया ने दावा किया था कि उन्होंने 24 मार्च को व्लादिमीर पुतिन के साथ एक वीडियो कांफ्रेंस में भाग लिया था।

गौरतलब है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के सलाहकार एंटन गेराश्‍चेंको ने दावा किया था कि रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बहस के बाद हार्ट अटैक आया था। यूक्रेनी मंत्री के मुताबिक इस बहस के दौरान पुतिन ने यूक्रेन में चलाए जा रहे विशेष सैन्‍य अभियान में असफलता के लिए सर्गेई को जिम्‍मेदार ठहराया था। उन्‍होंने कहा कि यही वजह है कि रूस के रक्षा मंत्री 11 मार्च से नहीं दिखाई दिए हैं जो कि इस पूरे अभियान के दूसरे मास्‍टरमाइंड हैं।

इसी कड़ी में एक अन्य दावे में यह भी कहा गया कि शोइगू के आसपास सुरक्षा को मजबूत किया गया था,चूंकि उनके ऊपर पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियों के हमले की आशंका जताई जा रही थी। इसी वजह से शोइगू सामने नहीं आ रहे थे।

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