फासफोरस बम विस्फोट के दौरान की तस्वीर साभार-(सोशल मीडिया)
मास्को/कीव। रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग के दौरान अब तक तमाम तरह के दावें सामने आते रहें हैं,जहां अब यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री ने एक विडियो जारी करते हुए खुलासा किया है कि रूस ने मारियुपोल के अजोवस्टल स्टील प्लांट पर कब्जा करने के लिए स्टील प्लांट पर प्रतिबंधित घातक फास्फोरस बमों से हमला कर रहा है। फिलहाल,इस वीडियो के सत्यता की पुष्टि “सीक्रेट-आॅपरेशन” न्यूज पोर्टल नहीं करता है।
बता दे कि यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री मायखाइलो फेडोरोव ने अपने आधिकारिक ट्वीटर एकाउंट से ट्वीट किया कि मारियुपोल के रक्षकों के खिलाफ फॉस्फोरस बमों के संभावित उपयोग का वीडियो सबूत। अजोवस्टल न केवल यूक्रेन के लिए, बल्कि पूरे यूरोप के लिए खड़ा है। सबसे बहादुर मानव जाति। कभी माफ मत करना,कभी मत भूलना।
गौरतलब है कि रूस पर पहले भी यूक्रेन में घातक फास्फोरस बमों के इस्तेमाल करने का आरोप लग चुका है। तब भी यूक्रेन ने वीडियो जारी कर दावा किया था कि रूसी सेना ने पूर्वी शहर क्रामाटोरस्क में जमीन पर सफेद फास्फोरस बम से हमला किया है।
दरअसल,यूक्रेन के सैनिकों ने इस स्टील प्लांट के नीचे सुरंगों का एक बड़ा जाल बिछा रखा है। जहां वें इसी से निकलकर रूसी सेना पर हमला कर रहे हैं और वापस अंदर जाकर छिप जा रहे हैं। यही कारण है कि रूसी सेना अभी तक इस स्टील प्लांट पर कब्जा करने में नाकाम रही है। इसीलिए रूसी फौज ने अब अपनी रणनीति बदलते हुए इन सुरंगों को नष्ट करने वाले हथियारों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
बताते चले कि सफेद फास्फोरस 2,760 डिग्री सेल्सियस (5,000 डिग्री फारेनहाइट) तक के तापमान पर जलता है। ऐसे में विस्फोट से पैदा हुए इसके लाखों कण चारों दिशाओं में सफेद धुएं के एक गुबार के साथ फैलते हैं। इसकी चपेट में आने से किसी भी इंसान की तुरंत मौत हो सकती है। इसके कण इंसानी शरीर के अंदर तक घुस जाते हैं। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति सफेद फास्फोरस से जलने के बाद भी इलाज करवाता है तो उसके बचने की संभावना बहुत कम होती है।