इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

यूक्रेन में 18 दिनों के इस जंग में सिर्फ सीक्रेट ऑपरेशन न्यूज पोर्टल के हीं दावें अभी तक साबित हो रहे हैं सही, बाकी सभी दावें साबित हो रहे हैं हवा-हवाई – चंद्रकांत मिश्र/सतीश उपाध्याय

कीव/मॉस्को। पिछले 18 दिनों से लगातार रूसी हमले का दंश झेल रहा यूक्रेन अब तक भारी तबाही का सामना कर रहा है,रूस के इस अंधाधुंध बमबारी,गोलाबारी से बचने के लिए लाखों सीविलियन यूक्रेन छोड़कर पलायन को मजबूर हो रहे हैं,अब तक लाखों लोग मारे जा चुके हैं लेकिन फिर भी यूक्रेन अभी तक फ्रंट पर डंटा हुआ है और पूरी ताकत के साथ दुश्मन को जवाब दे रहा है,जिस वजह से इस जंग में रूस को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

बताते चले कि जिस दिन से लड़ाई छिड़ी है उसी दिन से दुनिया भर के तमाम विशेषज्ञ,तमाम मीडिया हाउस के साथ तमाम मिलीट्री एक्सपर्ट रूस की एक तरफा जीत का दावा कर रहे थे,इसी दौरान यूक्रेन की राजधानी कीव की तरफ रूसी फौज की बढ़ती हुई 64 किमी की एक मिलीट्री काॅनवाई की सेटेलाईट ईमेज के सामने आने के बाद दुनिया भर के ये सभी एक्सपर्ट पूरे दावे के साथ कहने लगे कि अब कीव कुछ घंटे का मेहमान है,लेकिन सिर्फ सीक्रेट ऑपरेशन न्यूज पोर्टल समूह ने ही दावा किया था कि कीव हर हाल में लड़ेगा,गिरेगा नहीं और वह आने वाले समय तक स्थिर रहेगा,और रूस का यह आॅपरेशन इतना जल्दी पूरा नहीं होगा,आखिर आज 18 दिनों से रूसी फौज सभी जतन कर ली लेकिन कीव अभी भी यूक्रेन के हुकूमत की शान बनी हुई हैं।

इसी कड़ी में सीक्रेट ऑपरेशन न्यूज पोर्टल समूह के एक और दावे पर भी मुहर लगती दिख रही है,दरअसल जब लड़ाई शुरू हुई तो अमेरिका और नाटों इस जंग में रूस से सीधे उलझने से बचने लगे,चूंकि उसी समय रूस ने यूक्रेन के मददगार देशों को हड़का दिया था कि जो भी देश यूक्रेन की मदद में सामने आयेंगे रूस उन्हें इतिहास बना देगा,तो ऐसे में दुनिया भर के तमाम एक्सपर्ट यह मान लिये कि अमेरिका और नाटों देश रूस से डरकर भाग गए और यूक्रेन बलि का बकरा बन गया,लेकिन सीक्रेट ऑपरेशन न्यूज पोर्टल समूह ने यहां यह दावा किया कि अमेरिका और नाटों देश तथा यूक्रेन रूस से बिल्कुल भी नहीं डर रहे हैं और ना ही मैदान छोड़कर भागे है,ये सभी देश ट्रैप मिशन के तहत रूस के खिलाफ पूरी तैयारी करके बैठे हैं, ट्रैप का यहां यह मतलब है कि रूसी फौज जब यूक्रेन में दाखिल होगी तब उसे जमीनी लड़ाई में जमींदोज करेंगे और इस समय यही हो भी रहा है।

हवाई हमलें में तो रूस निश्चित रूप से यूक्रेन को लगभग तबाह हीं कर दिया है लेकिन हवाई हमले के बाद जमीनी लड़ाई होती हैं और इस जमीनी लड़ाई में अभी तक देखा जाए तो रूस कमजोर हीं साबित रहा है,जिस वजह से रूस को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है,यही कारण था कि पुतिन ने रूसी फौज के कई कमांडरों की छुट्टी कर दिया।

अब यहा बड़ा सवाल उठता है कि अमेरिका और नाटों यदि रूस की धमकियों से डरते तो किसी भी स्थिति में यूक्रेन को सभी तरह की मदद पहुंचाने से बचते लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ बल्कि उलटा रुस पर नाटों और अमेरिका ने प्रतिबंधों की बौछार करने के साथ साथ लड़ाई में यूक्रेन को सभी आवश्यक हथियारों की सप्लाई कर रहे हैं और इसके साथ ही साथ युक्रेन को आर्थिक मदद के अलावा यूक्रेन के शरणार्थीयों की भी पूरी मदद कर रहे हैं जो कि साफ संकेत देता है कि नाटों और अमेरिका,रूस के किसी भी धमकी के प्रभाव में कतई नहीं है,बस खुद पहल नहीं कर रहे हैं, उसका भी एक प्रमुख कारण है कि यूक्रेन जबतक नाटों में शामिल नहीं होगा तबतक नाटों सीधे इस लड़ाई में शामिल नहीं हो सकते,अब जारी लड़ाई के वक्त नाटों एलाएंश यूक्रेन को नाटों में शामिल नहीं कर सकता,लेकिन जिस तरह से अमेरिका और नाटों यूक्रेन के साथ हर फ्रंट पर खड़े है ये अपने आप में यूक्रेन के लिए बड़ी उपलब्धि है,जिसके कारण यूक्रेन दुनिया की एक बड़ी मिलीट्री पावर के सामने अभी भी डंटा हुआ है।

कुल मिलाकर रूस को यूक्रेन में पहले थकाना है फिर उसे घेरना है उसके बाद मॉस्को तक मिलीट्री मार्च करने का सीक्रेट मिशन का ब्लू प्रिंट पहले से ही नाटों और अमेरिका तैयार करके बैठे हैं,यूक्रेन एवं नाटों के प्लान के मुताबिक हीं अभी रूस चल रहा है।

लेकिन रूस भी अपने कई रणनीतिक योजनाओं को साधकर तब इस लड़ाई को शुरु किया है,यहीं कारण है कि अब ताइवान पर चीन की बदनियती साफ संकेत दे रही है कि निकट भविष्य में चीन किसी भी समय ताइवान पर कब्जा करने के लिए जंग शुरू कर सकता है,और उधर ईरान ने इराक में स्थित अमेरिकी दूतावास पर मिसाइलों से रविवार की सुबह हमला किया है और इस दौरान ईरान की तरफ से इजरायल को भी धमकाया जा रहा है,वहीं इन सबके बीच बीते 9 मार्च को भारत की तरफ से पाकिस्तान में एक मिसाइल फायर हो गई,जिसे लेकर हंगामा खड़ा हो गया तो वहीं भारत ने इस पर सफाई जारी किया है कि तकनीकी खराबी की वजह से मिसाइल फायर हो गई और यह मिसाइल पाकिस्तानी इलाके में गिर गई,हालांकि इन संभावित घटनाओं के क्रम में सीक्रेट ऑपरेशन न्यूज पोर्टल समूह पहले ही दावा कर चुका है जो कि अब सामने घटित होते दीख रहा है।

बताते चले कि ये सभी घटनाक्रम सीधे-सीधे संकेत दे रहे हैं कि नाटों और अमेरिका को इन सभी मुद्दों पर डायवर्ट करने की कोशिश हो रही है ताकि यूक्रेन की तरफ से नाटों और अमेरिका का फोकस हट सकें,लेकिन इन सभी संभावित घटनाक्रम को भी अमेरिका और नाटों पहले से ही समझकर बैठे हैं।
अब भविष्य किसका होगा ? अभी कहना जल्दबाजी होगी।

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