परीक्षण के दौरान टारगेट की ओर मिसाइल।
नई दिल्ली। दुश्मन के साथ जारी तनाव के बीच देश की ऐजेंसियां अपनी पूरी तैयारी पर है,जहां इसी कड़ी में बीतें दिनों आज के समय का बेहतर युद्धपोत और पनडुब्बी भारतीय नौसेना को उपलब्ध कराया गया तो वहीं रूस से S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम आयात किया जा रहा है, और इजरायल से हेराॅन Dron जो कि आज के समय का बेहतर निगरानी सिस्टम है, उसे भी लाया गया है, जिसको कि लद्दाख बार्डर पर दुश्मन की निगरानी के लिए तैनात किया जा रहा है। इसी कड़ी में देश की रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) ने मंगलवार को जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण ओडिशा के तट से कुछ दूर चांदीपुर में किया गया। इस बारे में रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस मिसाइल को वर्टिकल लांचर से कम दूरी की सतह से लांच किया गया।
मंत्रालय की ओर से यह भी साफ किया गया है कि उम्मीद के अनुसार ही मिसाइल का प्रदर्शन रहा। भारतीय नौसेना के लिए इसे तैयार किया गया है। मंगलवार को DRDO व नौसेना के अधिकारी भी इस परीक्षण के दौरान मौजूद रहे। बताते चले कि इसी साल 22 फरवरी को इसका पहला परीक्षण किया गया था जो कि सौ फीसदी सफल रहा।
इस दौरान मंत्रालय ने आगे यह भी कहा कि परीक्षण के दौरान बेहद कम ऊंचाई वाले एक इलेक्ट्रॉनिक निशाने के खिलाफ मिसाइल को वर्टिकल लांचर से फायर किया गया, मिसाइल की उड़ान,उसके पथ और अन्य आंकड़ों,अन्य मानदंडों को भी रिकॉर्ड किया गया। मंत्रालय ने उत्साहित शब्दावली में साफ किया कि मिसाइल की प्रणाली ने आशा के अनुरुप काम किया। इस परीक्षण के दौरान संस्थान के अलावा नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी भी टेस्ट लोकेशन पर मौजूद थे।
बताया जा रहा है कि इस मिसाइल की रेंज 50 से 60 किलोमीटर की है और ये जमीन से ही हवा में मार कर सकती है। इस मिसाइल को नौसेना के युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा ।
परीक्षण की सफलता के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, नेवी और प्रोजेक्ट से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी है। जहां उन्होंने कहा कि यह मिसाइल प्रणाली हवाई खतरों के खिलाफ भारतीय नौसेना की क्षमता को और मजबूत बनाएगी। डीआरडीओ के प्रमुख जी. सतीश रेड्डी ने भी परीक्षण में शामिल वैज्ञानिकों को इसके लिए बधाई दी।
गौरतलब है कि देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के लीडरशिप में देश की तीनों सेनाओं के डिफेंस पावर को बेहतरीन ढंग से बढ़ाते हुए मजबूती में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जा रहा है।
जो कि दुश्मन को साफ चेतावनी है कि भारत से उलझने की गलती ना करें वर्ना फ्रंट पर उनकों संभलनें का मौका नहीं मिलेगा।