रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (फाईल फोटो)
नई दिल्ली। दुश्मन देशों के साथ भारत की लगने वाली सीमाओं तक भारतीय सेना की पहुंच मजबूत बनाने के लिए देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के लीडरशिप में देश के चार राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के सीमावर्ती क्षेत्रों में निर्मित 24 पुल और तीन सड़कें मंगलवार को राष्ट्र को समर्पित किया गया। बताया जा रहा है कि इनमें उत्तराखंड के तवाघाट-घटियाबगड़ और जौलजीबी-मुनस्यारी-मिलम सड़क पर निर्मित दो पुल, सिक्किम के फ्लैग हिल डोकाला-चिसुमले-डेमचोक पर बना पुल और लद्दाख के उमलिंग ला में निर्मित पुल भी शामिल है। कहा जा रहा है कि इन पुलों के निर्माण से चीन सीमा तक भारतीय सेना की पहुंच मजबूत और आसान हो जायेगी।
बता दें कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से निर्मित इन पुलों में से नौ जम्मू-कश्मीर में हैं। जबकि, लद्दाख व हिमाचल प्रदेश में पांच-पांच, उत्तराखंड में तीन और सिक्किम व अरुणाचल प्रदेश में एक-एक पुल है। इसके अलावा तीन अन्य सड़कों का भी लोकार्पण किया गया है, जिनमें से दो लद्दाख में और एक पश्चिम बंगाल में बनी हुई हैं।
इस दौरान विडियो कांफरेंसिंग के जरिये उद्घाटन करते समय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सिक्किम में स्वदेशी डबल-लेन मॉड्यूलर ब्रिज को आत्मनिर्भरता का एक शानदार उदाहरण बताया। साथ ही इस बात की सराहना की कि इसे बेहद कम लागत पर तैयार किया गया है। इसी कड़ी में रक्षा मंत्री ने आगे भी कहा कि यह सीमावर्ती क्षेत्रों में तेजी से संपर्क प्रदान करने के सरकार के संकल्प का प्रतीक भी है। उन्होंने दूर-दराज के क्षेत्रों में संचार और लोगों की अन्य जरूरतों को पूरा करने में बीआरओ के योगदान की भी सराहना की।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह,सेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे और बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी भी मौजूद रहे। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के उपराज्यपाल और सिक्किम के सड़क एवं सेतु मंत्री ने भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि जबसे राजनाथ सिंह ने देश के रक्षामंत्री की कमान संभाली है, निरंतर देश की रक्षा से जुड़े हर समस्यायों का समाधान करते हुए,देश की तीनों सेनाओं को भरपूर सैन्य संसाधनों के अतिरिक्त अन्य आवश्यक संसाधनों की भरपूर आपूर्ति बढ़ा दी गई है,डीआरडीओ भी पूरी सक्रियता से लगा हुआ है।