फाईल फोटो।
कीव/मॉस्को। रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण जंग का आज 22वां दिन है,जहां इस दौरान रुसी फौज के भीषण हवाई हमलों व घातक बमबारी में यूक्रेन के कई शहर मलबे में तबदील हो चुके हैं,तो वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन के 30 लाख नागरिक पड़ोसी देशों में शरण लिए हुए हैं। इसी कड़ी में यह भी बताया जा रहा है कि अब तक हजारों यूक्रेनियन नागरिकों के अलावा हजारों यूक्रेनियन सैनिक भी मारे जा चुके हैं। तो वहीं रूसी फौज के 4 महत्वपूर्ण जनरल भी यूक्रेन के हमले में मारे जा चुके हैं।
मतलब आये दिन नुकसान दोनों हीं पक्षों को झेलना पड़ रहा है,एक मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से दावा किया जा रहा है कि यूक्रेन के खिलाफ रूस द्वारा जारी मिलीट्री आॅपरेशन को करीब 20 रुसी जनरल इस ऑपरेशन को लीड कर रहे हैं,जिसमें अब तक 4 रूसी जनरलों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है।
बताते चले कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के इनर सर्कल के एक अधिकारी के हवाले से बताया जा रहा है कि यूक्रेन के पास एक मिलीट्री इंटेलीजेंस टीम है जो सिर्फ रूसी फौज के अधिकारियों को टारगेट कर रही है। इसी कड़ी में यह भी कहा गया कि यूक्रेन की ये टीम हाई प्रोफाइल जनरल,रूसी पायलटों के साथ-साथ आर्टिलरी कमांडरों को भी निशाना बना रही है।
रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि रुसी फौज के जनरल ओलेग मितयेव की कथित तौर पर दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन के शहर मारियुपोल शहर के पास मौत हो गई है। जहां यूक्रेनी आजोव बटालियन ने मितयेव को मारने का दावा किया है। मारे गए जनरल मितयेव रूसी सेना की 150वीं मोटर चालित राइफल डिवीजन के कमांडर थे जिसका गठन 2016 में हुआ था। यह बटालियन यूक्रेनी सीमा के करीब रोस्तोव क्षेत्र में स्थित थी।
वहीं,इसी क्रम में रूसी सेना की 41वीं संयुक्त सेना के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल विटाली गेरासिमोव 7 मार्च को पूर्वी शहर खारकीव के बाहर मारे गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक गेरासिमोव दूसरे चेचन युद्ध और सीरिया में रूस के स्पेशल मिलीट्री आॅपरेशन तथा 2014 में क्रीमिया के रूसी कब्जे में भी शामिल रहे थे,जिसमें उनका बेहतरीन लीडरशिप थी।
इसी कड़ी में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी फौज की 29वीं संयुक्त सेना के मेजर जनरल आंद्रेई कोलेनिकोव 11 मार्च को लड़ाई में मारे गए थे।
तो वहीं,डिप्टी कमांडर मेजर जनरल एंड्री सुखोवत्स्की को कथित तौर पर बीते 3 मार्च को एक स्नाइपर द्वारा निशाना बनाया गया था,जनरल सुखोवतसकी के बारे में बताया गया है कि वह भी क्रीमिया और सीरिया में रूसी फौज का लीडरशिप कर चुके थे।
कुल मिलाकर एक्सपर्ट कहते हैं कि इस लड़ाई में रूसी सेना के मारे गए ये सभी जनरल एक अनुभवी जनरल रहे हैं, और इस दौरान इन सभी को मारे जाना रूस के लिए अब तक का सबसे बड़ा नुकसान साबित होगा,हालांकि मारे गए इन सभी रुसी जनरलों की अभी तक रूस द्वारा आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है,लेकिन रूस की खामोशी भी कहीं न कहीं इस घटनाक्रम की पुष्टि करते नजर आ रही है।