S-400 डिफेंस सिस्टम (फाईल फोटो)
मॉस्को। अभी तो देश के दुश्मनों की रूस के S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम से हीं धुकधुकी बढ़ गई थी अब तो उससे भी अधिक शक्तिशाली रूस निर्मित S-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भारत को उपलब्ध कराने का ऐलान हो गया है। इसी कड़ी में सोमवार को रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव ने संकेत दिया है कि भारत सबसे उन्नत एस-500 ‘प्रोमेटी’ विमान भेदी मिसाइल प्रणाली का पहला विदेशी खरीदार हो सकता है। एक अन्य सवाल के जवाब में यूरी ने साफ किया कि भारत, सूची में पहले स्थान पर होगा। अगर वह इन उन्नत आयुधों को खरीदने की इच्छा व्यक्त करता है तो।
बताते चले कि S-500 ‘प्रोमेटी’ विमान भेदी मिसाइल प्रणाली वायु प्रणाली के लिए सबसे बेहतरीन रूसी मोबाइल सेवा है और इसे इस साल की शुरुआत में सेवा में रखा गया था। जबकि रूस से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों के एक बैच की खरीद के लिए नाटो सदस्य तुर्की पर पहले ही CAATSA लगा दिया है,लेकिन अभी तक भारत पर कोई फैसला नहीं लिया है।
इससे पहले 6 दिसंबर को, 21वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के दौरान, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने दावा किया था कि अमेरिका सौदे को कमजोर करने और भारत को “अमेरिकी आदेशों का पालन करने” की योजना बना रहा था। रक्षा रूस और भारत के बीच साझेदारी का मुख्य स्तंभ है। ब्रह्मोस मिसाइल, एसयू 30 विमान का लाइसेंस प्राप्त उत्पादन, टी30 टैंक इस सहयोग के कुछ उदाहरण हैं। अगला बड़ा फोकस भारत में AK सीरीज असॉल्ट राइफल्स का संयुक्त उत्पादन है।
कुल मिलाकर भारत ने भी साफ कर दिया है कि राष्ट्रहित में वह रक्षा खरीद में बिल्कुल स्वतंत्र हैं।