फाईल फोटो, साभार (सोशल मीडिया)
कीव/मॉस्को। रूस पिछले नौ दिनों से लगातार यूक्रेन के खिलाफ अपना मिलीट्री आॅपरेशन जारी रखा हुआ है,इस दौरान रुसी फौज यूक्रेन के कई हिस्सों पर पिछले नौ दिनों से हवाई व मिसाइल हमले के द्वारा कहर बरसा दिया है, हालांकि इतना भारी नुकसान झेलते हुए भी यूक्रेन अभी तक सरेंडर नहीं किया है,लेकिन कई फ्रंट पर रूस को जबरदस्त टक्कर दे रहा है,इसी कड़ी कुछ ऐसी भी रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया जा रहा है कि अब रूस आगे बढ़ते हुए यूक्रेन के कई हिस्सों पर कब्जा शुरू कर दिया है जिसमें कहा जा रहा है कि रूसी सेना उत्तरी व दक्षिणी यूक्रेन में धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। उसकी रणनीति काला सागर से यूक्रेन के संपर्क को पूरी तरह तोड़ देने की है। कालासागर के समीप स्थिति खेरसन शहर पर रूसी सैनिक पहले ही कब्जा कर चुके हैं। अब एक और शहर जपोरिजिया परमाणु संयंत्र पर भी हमला कर दिया गया है। इसके अलावा काला सागर से जुड़े हुए उत्तरी शहर ओडेसा पर भी रूसी सेना तेज हमले कर रही है।
इसी कड़ी में ओडेसा के बाद रूसी सेना ने मारियोपोल को भी अपने नियंत्रण में लेना शुरू कर दिया है। यहां के बंदरशाह शहरों पर लड़ाई तेज है। इन दोनों शहरों में यूक्रेन का एक चौथाई बिजली उत्पादन होता है। इससे पहले खुद रूसी सेना की ओर से पुष्टि की गई थी कि खेरसन शहर का सरकारी मुख्यालय अब उसके नियंत्रण में है।
वही यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव को भी लगभग नियंत्रण में ले लिया है। यहां पर रूस ने अपने एयरट्रूपर्स को उतारा था। इसके बाद से खारकीव में हमले तेज हैं। सूत्रों के मुताबिक,रूसी सेना खारकीव को चारों ओर से घेरे हुए है और यह शहर भी उसके नियंत्रण में आ चुका है।
रिपोर्ट्स की मानें तो, रूस की सेना पिछले सात दिनों में यूक्रेन के 20 फीसदी क्षेत्र को अपने कब्जे में ले चुकी है। यूक्रेन का लगभग एक लाख वर्ग किलोमीटर से ऊपर का क्षेत्र रूस के नियंत्रण में है।
वहीं अन्य मीडियो रिपोर्ट्स के मुताबिक,रूस की सेना कीव को चारों ओर से घेर रही है। अब रूसी सेना के बख्तरबंद वाहन व सैनिक कीव से करीब 19 मील की दूरी पर हैं। पिछले दिनों कीव के बाहर 64 किलोमीटर लंबा रूसी काफिला भी देखा गया था। इसकी सैटेलाइट तस्वीरें भी जारी हुई थीं।
इसी क्रम में विशेषज्ञों का मानना है कि वर्ष 1991 में जब सोवियत संघ से चेचन अलग हुआ तो वह अलग देश बन गया। हालांकि, इस छोटे से देश पर रूस की नजर हमेशा रही। चेचन रूस से घिरा हुआ है और इसका कुछ हिस्सा सर्बिया से भी मिलता है। रूस ने 1994 में चेचन पर हमला कर दिया। हालांकि, यह हमला सफल नहीं हुआ। इसके बाद 1999 में चेचन में रूस के शीर्ष राजदूत गेनादी श्पिगुन की हत्या कर दी गई। यहीं से चेचन के खिलाफ दूसरे युद्ध की शुरुआत हुई। चेचेन को चारों तरफ से घेरते हुए रूस ने 2000 में उस पर पूरी तरह से हमला कर दिया।
कुल मिलाकर यूक्रेन के कई हिस्सों पर रूसी कब्जे की जो रिपोर्ट अबतक सामने आ रही है उनमें अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी,दरअसल यूक्रेन हमले की बात तो स्वीकार करता है लेकिन रूस के कब्जे से इंकार करता है,इसी वजह से स्थिति साफ नही हो पा रही है,इसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि जिन इलाकों पर रूसी फौज के कब्जे की दावें किये जा रहे हैं वहां पर जमीनी लड़ाई अब भी जारी है जिससे पूरी तरह से अभी कुछ कह पाना संभव नहीं है।