मास्को/लंदन। रूस-यूक्रेन के बीच जारी भीषण जंग आज 35 दिन से उपर हो चला है,जहां इस दौरान अब तक यूक्रेन के कई हिस्सों में रूस की तरफ से हुए भीषण बमबारी में भारी तबाही देखने को मिल रही है,इसी बीच ब्रिटिश खुफिया ऐजेंसियों की तरफ से बेहद हैरान कर देने वाला दावा सामने आया है,जहां इस दावें में ब्रिटेन की इंटेलीजेंस ऐजेंसी के चीफ जर्मी फ्लेमिंग ने कहा है कि इस समय रूस की सेना में भगदड़ मची हुई है और सैनिक अपने हथियारों को छोड़कर सैन्य कमांडरों के आदेश को नहीं मान रहे हैं। उन्होंने आगे भी कहा कि यूक्रेन की जंग में बड़े पैमाने पर रूसी सैनिक मारे गए हैं और यही वजह है कि पुतिन की सेना में अफरातफरी का माहौल है। यही नहीं रूसी सैनिकों ने हड़बड़ी में अपने ही कई फाइटेर एअरक्राफ्ट को मार गिराया है।
बता दें कि ब्रिटिश इंटेलीजेंस ऐजेंसी के चीफ ने कहा कि पुतिन ने यूक्रेन पर फतह करने को लेकर भारी गलती की। हालत यह है कि रूसी के सैनिक हथियार छोड़कर भाग रहे हैं। इससे पहले भी एक वीडियो सामने आया था जिसमें रूसी सैनिकों की ओर से शिकायत किया जा रहा था कि उनकी पुरानी राइफलें काम नहीं कर रही हैं। यहीं नहीं उन्होंने आगे भी कहा कि रूस के मिलीट्री कमांड और कंट्रोल अफरातफरी में अपने ही विमानों को मारकर गिरा रहे हैं।
सर जर्मी ने आगे भी कहा कि यूक्रेन की सेना की ओर से रूसी सैनिकों को जोरदार प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। यूक्रेन के सैनिकों ने रणनीतिक रूप से अहम पूर्वोत्तर के शहर ट्रोस्टयनेट्स पर फिर से कब्जा कर लिया है। रूसी सैनिक वहां से भाग रहे हैं और अपनी वर्दी तक छोड़ दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुतिन के जनरल इस भारी नुकसान को छिपाने में लगे हुए हैं। बताते चले कि ब्रिटिश ऐजेंसियों ने कई ऐसे फोन कॉल और मैसेज इंटरसेप्ट किए हैं जिसमें विद्रोह का भी जिक्र है।
वहीं सर जर्मी ने यह भी कहा कि हम जानते हैं कि पुतिन का यह मिलीट्री आॅपरेशन इस समय कई गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है जिसमें कम मनोबल,सामानों की आपूर्ति और बड़े पैमाने पर रूसी सैनिकों की मौत शामिल है। उन्होंने कहा कि पुतिन अपने लोगों से झूठ बोल रहे हैं ताकि सैन्य अक्षमता को छिपाया जा सके। उन्होंने कहा कि हमने ऐसे रूसी सैनिकों को देखा है जो कमांडरों के आदेश को नहीं मान रहे हैं और अपने हथियारों को खराब कर रहे हैं और गलती से रूस के विमानों को निशाना बना रहे हैं।
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी भीषण जंग आज 35 दिनों से उपर हो चला है जहां इस दौरान यूक्रेन के कई शहर भयानक रूप रूसी बमबारी में तबाह हो चुके हैं तो वहीं हमलो की दहशत के चलते 40 लाख नागरिकों ने यूक्रेन छोड़कर पड़ोसी देशों में शरण ले रखा है,जहां इस दौरान रूसी हमलों में हजारों यूक्रेनियन नागरिक मारे गए जिसमें महिलाएं व बच्चे भी शामिल है तो वहीं भारी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं,इस दौरान यूक्रेन के सैनिकों द्वारा भारी संख्या में रुसी सैनिक भी गिरफ्तार किये गये हैं,जहां ये रुसी सैनिक मीडिया से बातचीत के दौरान रोते हुए देखे गए थे यही नहीं ये रूसी सैनिक यह भी बोले थे कि रुस चाहे जितनी फौज भेज दे लेकिन यूक्रेन को कभी नहीं जीत सकते,इन सबके बीच कुछ ऐसे भी रिपोर्ट सामने आयी थी जिनमें दावा किया गया था कि कई फ्रंट पर रूसी सैनिक प्रायोजित तरीके से यूक्रेन के बंदूक से अपने ही पैरों में गोली मार रहे हैं ताकि उन्हें मेडिकल रिलीफ के नाम पर लड़ाई ना लड़ना पड़े,अब इन सब घटनाक्रम के बीच ब्रिटिश ऐजेंसियों के इन दावें को देखा जाए और पुरानी रिपोर्ट्स के साथ इसका विश्लेषण किया जाए तो ब्रिटिश ऐजेंसियों के दावें में दम दिखता है।