एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

रूस-यूक्रेन के बीच जारी भीषण लड़ाई के दौरान “बूचा नरसंहार” का बदला लेने से नहीं चूक रहे यूक्रेन के सैनिक, इसीलिए रूसी सैनिकों के साथ कर रहे ज्यादती – चंद्रकांत मिश्र/सतीश उपाध्याय

कीव/मॉस्को। रूस-यूक्रेन के बीच जारी भीषण लड़ाई का आज 43वां दिन है। इस दौरान यूक्रेन के मैरियूपोल में रूस ने भीषण हमलों के भयानक तबाही मचाई हुई है। बताया जा रहा है कि इस शहर में अब तक 5000 लोगों की मौत हो चुकी है,जिनमें 210 बच्चे भी शामिल हैं। वहीं यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद से निलंबित करने के संबंध में अमेरिका द्वारा प्रस्तावित कदम पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में गुरुवार को मतदान होना है।

वहीं स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि हमने इस बात पर चर्चा की है कि यूक्रेन की मदद करने के लिए हम और क्या कर सकते हैं। इसमें साइबर सुरक्षा सहयोग और केमिकल और बायोलॉजिकल खतरों से निपटने में उपकरण उपलब्ध कराना शामिल है। नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने आगे भी कहा कि यूक्रेन में जो हो रहा है उस पर पूरी दुनिया नजर बनाए हुए है। हमने देखा है कि चीन रूस की आक्रामकता की निंदा नहीं करना चाहता है। बीजिंग राष्ट्रों के अपने रास्ते चुनने के अधिकार पर सवाल उठाने में मास्को के साथ शामिल हो गया है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर चुनौती है। नाटो सहयोगियों और हमारे सहयोगियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध अभूतपूर्व हैं।

उधर,”बूचा” के मेयर एनाटोली फेडोरक के हवाले से बताया जा रहा है कि यहां मृत पाए गए लगभग 90 फीसदी शवों पर गोली के घाव हैं, छर्रों के नहीं। उन्होंने कहा कि मृतकों की संख्या रोज बढ़ रही है। शहर में तीन सामूहिक कब्रें पाई गई हैं। इसी दौरान जर्मनी की समाचार वेबसाइट “डेर स्पीगल” ने रिपोर्ट किया है कि जर्मन इंटेलिजेंस ऐजेंसियों ने रूसी सैनिकों की बातचीत इंटरसेप्ट की है। इस दौरान जर्मन ऐजेंसियों को जानकारी मिली है कि रूसी सैनिक बूचा में नागरिकों की हत्या पर बात कर रहे थे। रूसी सैनिकों ने यह भी कहा कि यूक्रेन के युद्ध बंदी को पूछताछ के बाद गोली मार दी गई। तो वहीं भारत में स्थित रूसी दूतावास ने बूचा नरसंहार में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बूचा के हालात दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाजी अपराधों के दौरान के बुरे सपनों को वापस लाया है। दूतावास ने कहा कि रूस इस युद्ध अपराध में शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए दृढ़ता से खड़ा है। मुख्य चुनौती वास्तव में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करना है। अफसोस की बात है कि मॉस्को के खिलाफ अब तक बड़े पैमाने पर खोखले आरोप लगे हैं, जबकि इस बात के सबूत हैं कि वास्तव में एक झूठा ऑपरेशन था, जिसे कीव ने ही अंजाम दिया था। जब हम न्याय चाहते हैं तो इस सबूत को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है।

इधर,ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चार रूसी राजनयिकों को देश से बाहर निकालने का फैसला लिया गया है। मंत्रालय ने आगे भी कहा कि ये लोग अपने राजनयिक दर्जे के अनुरूप गतिविधियां नहीं कर रहे थे।

इस बीच बेहद चौंकानें वाली रिपोर्ट सामने आ रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि “बूचा हत्याकांड” का बदला लेने के लिए यूक्रेनी सैनिक भी अब बेरहमी पर उतर आए हैं। पश्चिमी कीव के एक गांव में पकड़े गए रूसी सैनिकों की बर्बरता से हत्या करते हुए वीडियो सामने आया है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस वीडियो की पुष्टि की है। वीडियो में एक शख्स की आवाज सुनाई दे रही है, वह कहते सुनाई पड़ता है यह अभी भी जीवित है। इन लुटेरों को फिल्माओं। देखो, यह अभी भी जीवित है। यह सांस ले रहा है।

इस दौरान नाटों महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने दावा करते हुए कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध में महीनों या साल भी लग सकते हैं, इसलिए सहयोगी देशों को रूसी आक्रमण का मुकाबला करने में यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखना चाहिए। तो वहीं अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने भी बुधवार को दावा किया कि यूक्रेन रूस के खिलाफ युद्ध जीत सकता है। उन्होंने इसके पीछे पुतिन की चाल का असफल होना बताया है। उन्होंने कहा कि पुतिन एक भी रणनीतिक उद्देश्य में सफल नहीं हो सके हैं।

गौरतलब है कि पिछले 43 दिन से रूस-यूक्रेन के बीच भीषण लड़ाई जारी है,जहां अब तक यूक्रेन भारी नुकसान का सामना कर रहा तो वहीं रूस भी भीषण नुकसान के दौर से गुजर रहा है,इस दौरान रुस को कुछ खास सफलता नहीं मिल सकी है। फिलहाल लड़ाई जारी है और यह कब रूकेगा ? इस बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी।

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