एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

रूस-यूक्रेन जंग के बीच इंडियन एअरफोर्स की एक महत्वपूर्ण योजना के प्रभावित होने की रिपोर्ट आई सामने, 20 हजार करोड़ रुपये की थी यह योजना – हेमंत सिंह/नित्यानंद दूबे


सांकेतिक तस्वीर।

मॉस्को/नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग के दौरान इंडियन एअरफोर्स की एक महत्वपूर्ण योजना के प्रभावित होने की एक रिपोर्ट सामने आ रही है,जिसमें बताया जा रहा है कि भारतीय वायुसेना ने अपने सुखोई-30 MKI फाइटर एयरक्राफ्ट को अपग्रेड करने की योजना को फिलहाल रोक दिया है। दरअसल,भारतीय वायुसेना रूस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की मदद से अपने 85 विमानों को आधुनिक स्टैंडर्ड के मुताबिक अपग्रेड करने की योजना बना रही थी,जहां अब रिपोर्ट आ रही है कि रूस-यूक्रेन जंग के दृष्टिगत इस योजना को अब ठंडे बस्ते में डाल देने का निर्णय लिया जा चुका है।

इसी कड़ी में एक और भी जानकारी सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि 12 सबसे ज्यादा एडवांस्ड सुखोई-30 MKI एयरक्राफ्ट्स खरीदने की 20,000 करोड़ रुपए की डील को भी रोके जाने की आशंका है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय डिफेंस प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने की सरकार की नीतियों के तहत स्टेकहोल्डर्स को विमानों में ज्यादा से ज्यादा मेक-इन-इंडिया कंटेंट का इस्तेमाल करना होगा। मालूम हो कि सुखोई-30 MKI 27 सितंबर 2002 से भारतीय वायुसेना का हिस्सा है।

बताते चले कि इंडियन एयरफोर्स की योजना के मुताबिक, सुखोई-30 एयरक्राफ्ट को अधिक ताकतवर रडार और लेटेस्ट इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्षमताओं से लैस किया जाना था,ताकि यह सबसे आधुनिक स्टैंडर्ड के मुताबिक बन सके। क्योंकि
सुखोई-30 MKI भारतीय एयर फोर्स के सबसे अहम लड़ाकूं विमानों में से एक है। जहां वायु सेना ने अलग-अलग बैच में कुल 272 सुखोई लड़ाकूं विमान ऑर्डर कर मंगाए हैं।

इसमें से 30 से 40 विमानों का ऑर्डर रूसी मैन्युफैक्चरर्स को मिलना था। इन विमानों को रूसी मैन्युफैक्चरर्स की तरफ से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के पास अलग-अलग तरह की किट्स में भेजा जाता है। जहां इसे नासिक फैसिलिटी में असेंबल किया जाता है।

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के चलते लड़ाकू विमानों की फ्लीट के लिए स्पेयर पार्ट्स की सप्लाई में भी देरी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल स्पेयर पार्ट्स की समस्या ज्यादा बड़ी नहीं है और निकट भविष्य में भी इसकी संभावना कम ही है। यही वजह है कि वायुसेना अपने इंपोर्टेड इक्विपमेंट के इस्तेमाल को नियंत्रित कर रखा है।

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