सांकेतिक तस्वीर।
बीजिंग/नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन के बीच जारी भीषण जंग के दौरान दुनिया की डिप्लोमैसी इस समय पटरी पर से उतरती दिख रही है,जहां इस दौरान दुनिया के कई देश युद्ध के मुहाने पर पूरी तैयारी के साथ खड़े नजर आ रहे हैं,तो ऐसे में भारत-चीन चुप कहां से बैठते लेकिन परिस्थितियां प्रतिकूल होने के चलते चीन,भारत के साथ कतई किसी भी तरह के टकराव में उलझना नहीं चाहता,इसीलिए चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने कहा कि चीन और भारत बातचीत के माध्यम से सीमा मुद्दे को ठीक तरह से संभालने के लिए आपस में सहमत हुए हैं। बता दें कि उन्होंने ये टिप्पणी भारत-प्रशांत सुरक्षा मामलों पर अमेरिकी सहायक रक्षा सचिव एली रैटनर के बयान पर दी।
बताते चले कि भारत और चीन के बीच जारी सीमा पर तनातनी जल्द ही खत्म हो सकती है। जहां चीन ने इसके संकेत दिए हैं। लद्दाख गतिरोध से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए भारत और चीन की सेनाओं के बीच हाल ही में 15वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी। गुरुवार को चीनी सेना की तरफ से कहा गया कि ये बातचीत सकारात्मक रही है। इस दौरान चीनी सेना ने इस मसले पर तीसरे पक्ष की दखलंदाजी से साफ इंकार किया है।
दरअसल,यूक्रेन संकट ने बड़े बड़े देशों की चूल्हे हिला दिया है, किसी के समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर पुतिन क्या चाहते हैं ? चूंकि रूस और यूक्रेन के बीच लगातार कई दौर की वार्ता तो हो गई और आगे भी होने वाली है लेकिन रुसी हमलो में कमी नही देखी जा रही है, तो वहीं दुनिया की कई ऐजेंसियों ने भी साफ कर दिया है कि अब रूस रूकेगा नहीं,अब ऐसे हालात में दुनिया का संतुलन बिगड़ता हीं जा रहा है तो वहीं जो चीन सालों से भारत के खिलाफ सीमा पर तमाम साजिशों को अंजाम देता रहा अब वह भी भारत से टकराना नहीं चाहता,यही वजह है कि चीन उसी पुराने नारे “हिंदी चीनी-भाई भाई” को ईमानदारी के साथ दोहराना चाहता है,इसीलिए भारत से लगती सीमा विवाद को वह सकारात्मक तरीके से जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश में है।